पिछले भाग में आप ने पढ़ा कि क्रिस्टीन प्रणय को शांतनु से मिलवाती है जोकि एडी का दोस्त है। उससे पता चलता है कि एडी हॉस्पिटल में है और उसकी तबियत पिछले 4 महीने से बिलकुल सही नहीं है। प्रणय उससे रिक्वेस्ट करता है की वो बस एक बार एडी से उसे मिलने दे , इस पर शांतनु राजी हो जाता है अब आगे-
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एडी को देखते ही क्रिस्टीन फफक के रोने लगती है अब उसका एडी पहले जैसे नहीं रह गया था , बिलकुल दुबला-पतला, बेजान , उदास ….. पहले की तरह ना उसमें गर्मजोशी थी, ना हिम्मत, और न बाजुओं में ताकत ही बची थी। ये सब …..मेरी वजह से… उसने रोते हुए कस के प्रणय के कंधे को पकड़ लिया। प्रणय स्टूल पर बैठा हुआ एडी से बात करने की कोशिश कर रहा था लेकिन फिर भी उसने इस छूअन को महसूस किया जो एक बिना जिस्म जा लम्स था। उसने एक बार सर घूमा के उसे देखा और फिर से एडी से बात करने लगा।
क्या तुम क्रिस्टीन से मिलना चाहोगे? क्या तुम उसे जानते हो कि कहाँ है वो…?बिलकुल हलके अंदाज में पूछा गया सवाल था ये। हाँ जानता हूँ और उसी से मिलवाने ही लाया हूँ तुम्हें । मगर मुझे नहीं मिलना उससे। क्या….? अचानक से ही प्रणय के मुँह से निकल गया। क्रिस्टी भी वैसी ही बुत बन गई। हाँ …लेकिन एक सवाल पूछना था उससे कि मुझसे कोई दिक्कत थी तो बता के जा सकती थी मुझे, मैं रोकता नहीं उसको…बस एक बार कह तो देती कि एडी अब प्यार नहीं रहा मुझसे… उसने छत की तरह देखते हुए कहा जैसे वो प्रणय से आँखे मिलाकर बात करेगा तो रो पड़ेगा। प्रणय क्या कहता अब,उसे खुद नहीं पता कि क्रिस्टीन उसे छोड़ कर क्यों गई। क्रिस्टीन आहिस्ते से एडी के बेड की तरफ गई और उसके सिरहाने बैठकर उसके बालों में उंगलियां फिराने लगी। “माही भी तो ऐसे ही उसके बालों में घंटो उंगलियां घुमाया करती थी , कहती थी कि काश तुम्हारे जितने मुलायम,चमकदार और हेल्थी बाल मेरे भी होते” भगवान का शुक्र है कि नहीं है तुम्हारे पास वरना फिर तुम्हारी नर्म-ओ-नाजुक उंगलियां मेरे बालों को थोड़े इतने प्यार से संवारा करती।….. प्रणय ने झट से अपना सर पकड़ लिया…क्या वो एक पल भी माही के ख्याल से खुद को दूर नहीं रख सकता।
प्रणय…..! ये रोती हुई क्रिस्टीन की आवाज़ थी। हाँ, वो चौक के बोला। क्या तुम एडी को ये बताओगे के मैं उसके पास ही हूँ? हाय! कैसी बेबसी….जिससे इतने वक्त प्यार करता रहा जिसे आजतक ढूंढता रहा, आज उसकी छूअन भी नहीं पहचान पा रहा। एडी…. मुझे लगता है कि तुम्हें क्रिस्टीन से मिलना चाहिए क्योंकि वो तुमसे मिलना चाहती है। ओह! अब क्यों…पहले नहीं मिलना चाहती थी इतने महीनों में? उससे बोल देना की अब मैं उससे नहीं मिलना चाहता।
इससे बोलो, कि ये ऐजल ये शादी कर ले बहुत प्यार करती है वो इसे आज भी , मेरे जितना ही ख्याल रखेगी मुझसे ज्यादा प्यार करेगी, इतने दिनों मैं यही एक अंतिम ख्वाहिश लिए भटकती रही हूँ मैं.. क्योंकि जाने से पहले मैं इसको किन्ही सुरक्षित हाथों में सौपना चाहती हूँ, किसी ऐसे इंसान के साथ जो हमेशा इससे प्यार करें इसे खुश रखे। क्रिस्टीन बात तो प्रणय से कर रही थी लेकिन देख एडी के चेहरे को रही थी। वो बस इतना चाहती है कि तुम एजल से शादी कर लो । वो होती कौन है मेरी जिन्दगी के फैसले लेने वाली, मैं दोबारा शादी की प्लानिंग करुँ और फिर धोखा पाऊं, उससे कह दो वो मेरे लिए परेशान ना हो , वो खुश है तो मैं भी खुश हूँ वैसे भी मुझे कोई शिकायत नहीं उससे।एक लम्बी साँस ली एडी ने। वो खुश नहीं है …लेकिन अगर तुम उसकी ये आखिरी ख्वाहिश पूरी करोगे तो जरूर ही सुकून मिलेगा उसे। एडी तुरंत चौक गया आखिरी ख्वाहिश…? क्या हुआ क्रिस्टीन को पहली दफा न सिर्फ उसने प्रणय की आँखों से आँखे मिलाकर बात की बल्कि उठ कर भी बैठ गया।
वो अब इस दुनिया में नहीं रही उसकी मौत को 4 महीने हो….. क्या बेहूदा मजाक है ये ..?मेरी क्रिस्टी को कुछ नहीं…… धैर्य रखो , और यकीन करो की वो मर चुकी है और सिर्फ एक रूह बनकर भटक रही है 4 महीनों से, सिर्फ तुमसे एक बार मिलने के लिए। तुम्हारे पते पर गए थे हम जो उसने मुझे दिया था लेकिन वहाँ नहीं मिले तुम तो किसी शांतनु से मिलवाया उसने मुझे तब जाकर मैं यहाँ तुम्हारे पास उसकी बातें कहने आया हूँ वो भी चंडीगढ से। अगर वो मर चुकी है तो मैं कैसे…है न, क्योंकि मैं मरे लोगों को देख सकता हूँ। एडी बिलकुल बेजान बनकर उसकी बातें सुन रहा है जैसे वो किसी फिल्म की स्टोरी सुना रहा हो।
ये सिर्फ मज़ाक है ना ?
कमरे के बाहर से कोई देखता तो हैरानी मान जाता। शायद ये उसे आठवां अजूबा भी लगता । भला मर्द ऐसे फूट-फूट कर रोते हैं? दोनों की सिसकियों से पूरा कमरा सर्द हो चुका था । दोनों ऐसे रो रहें थे कि क्रिस्टीन तब नहीं आज मरी हो । एडी का रोना तो बनता भी था लेकिन प्रणय क्यों…? शायद इसलिए क्योंकि उसे आज प्यार का मतलब पता चला था , शायद इसलिए क्योंकि उसने पहली मर्तबा प्यार किया था , शायद इसलिए की उसका पहला प्यार अपनी आखिरी ख्वाहिश लिए खड़ा था। शायद इसलिए की उसे एडी मे अपना अक्स नज़र आ रहा था।
क्रिस्टीन की आखिरी ख्वाहिश पूरा करने के लिए उनके पास सिर्फ एक दिन ही था। शांतनु जहाँ ऐजल की तरफ से सारी तैयारियां कर रहा था वहीं प्रणय एडी को संभाल रहा था। शांतनु को नहीं पता कि इतनी जल्दी क्यों लेकिन ऐजल को एडी ने सब बता दिया था।
ऐजल सफ़ेद जोड़े में बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी शायद ही वो इतनी खूबसूरत लगती इसे पहन कर बिलकुल हुस्नपरी। जल्दबाजी में जोड़ा सही नहीं मिला था लेकिन फिर भी फब बहुत रहा था उसपर। एडी को देखते ही क्रिस्टीन का दोबारा मरने का मन हो गया लेकिन अबकी उसपर । अरे…ये ड्रेस तो उसने ही पसंद की थी । क्रिस्टी की आँखे एक बार फिर नम हो चुकी थी।
प्रणय क्रिस्टी कहाँ है उसे हम दोनों के आगे खड़ा करो । हम एक-दूसरे से नहीं बल्कि उससे किये वादे निभाएंगे जिन्दगी भर।
प्रणय चुपचाप कमरे के कोने में खड़ा क्रिस्टीन को मुस्कुराते हुए देख रहा था अब से थोड़ी ही देर बाद वो हमेशा-हमेशा के लिए… उसने अपनी आँखे रुमाल से पोछी। जैसे ही रुमाल हटाया क्रिस्टीन सामने खड़ी दिखी। जानते है आप ने मेरे लिए जो किया उसके बदले अगर मेरे पास जान होती तो वो भी देने को कम पड़ती। मुझे पता है कि आपने मेरे लिए जितने दुःख सहे है शायद ही कोई किसी के लिए …सच कहुँ मेरे लिए तो मेरे गॉड आप ही हो गए… ये मेरा काम था अगर मैं ये नहीं करता तो ऊपरवाले को क्या हिसाब दिखाता कि अपना काम भी ईमानदारी से नहीं किया। god bless you… वो कभी कोई दुःख ना आने दे आपकी जिन्दगी में हमेशा खुश रखे। क्रिस्टीन की इस बात पर प्रणय का जी हुआ की उसे कहे की क्या वो रुक नहीं सकती उसके लिए अगर एक बार रुक जाए तो वो सारी जिन्दगी खुश रहेगा। बस वो उसके साथ सारी जिन्दगी ऐसे ही रहे। लेकिन कुछ नहीं बोल पाया ।उसे इक बार हाथ बढाकर महसूस करना चाहता था लेकिन इससे पहले ही उसे एडी ने बुला लिया।
क्रिस्टीन को विदा करने सिर्फ वो लोग ही नहीं बादल भी आए थे काले-काले घने बादल। ऐजल ने उसे थैंक यू बोला एडी ने उसे लव यू बोला प्रणय ने कुछ नहीं बोला वो बस मुस्कुराया क्योंकि जो वो बोलना चाह रहा था वो किसी और ने बोल दिया। क्रिस्टीन चली गई , दो दिन में एडी को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाएगी, ऐजल नई गृहस्थी बना लेगी, शांतनु अपने रेस्त्रां चला जाएगा लेकिन वो …वो क्या करेगा?
ये क्या हुआ तुम्हें…? गौरी हैरान रह गई 4 दिन में ही प्रणय का ये हाल देख कर। प्रणय ने जैसे ही उसे देखा उससे लिपट गया। गौरी के साथ दो कास्टेबल भी थे गोवा पुलिस के , और प्रणय के मामा भी थे। शायद मिसिंग रिपोर्ट लिखवाई थी तो पुलिस के इन्फॉर्म करने पर प्रणय को लेने आए थे।
बेटा ये क्या किया सारे बाल क्यों…? प्रणय …?तुमने अपने सारे बाल क्यूँ बनवा लिए …बहुत खराब लग रहे हो इस bald look में।
सर बहुत भारी लग रहा था बस इसीलिए।
वो लड़की क्या नाम था क्रिस्टीन वो तुम्हारी इमेजिनेशन साबित हुई कि….
घर चल के बताऊँ ? काफी लम्बी स्टोरी है।
ठीक है जैसा सोचो।
क्रिस्टीन मैं सोच रहा था इतिहास छोड़ दूँ ? कोई ऐसा सब्जेक्ट पढूं जिसमें जान लेने की कम जान बचाने की ज्यादा मिसालें हो। अबकि बार गौरी और हैरान रह गई लेकिन फिर बोली ये भी लम्बी कहानी है जो तुम बाद में मुझे बताओगे ? हाँ , प्रणय बोला।
तो घर चलें?
हाँ तुम लोग चलो मैं दो चार दिन बाद आऊँगा।
क्यों?
क्योंकि शायद तुम लोगों को यहाँ कोई बूढ़ा इंसान नहीं दिख रहा है लेकिन मुझे दिख रहा है पिछले दो दिन से ।
तुम क्या कर रहे हो प्रणय?
कुछ नहीं अपना काम।
कैसा काम?
प्रणय ने गौरी को सीने से लगाते हुए कहा” जानती हो मैं बीमार नहीं हूँ , मुझे मरे हुए लोग दिखाई देतें हैं जो मेरी इमेजिनेशन बिलकुल भी नहीं है। मेरी जिन्दगी की ये थोड़ी-सी सच्चाई किसी को नहीं मालूम थी खुद मुझे भी नहीं।लेकिन जैसे मैंने इसे स्वीकार किया वैसे ही उम्मीद है तुम लोग भी स्वीकार करोगे।
तो अब ये कहानी समाप्त हुई उम्मीद करती हूँ की आप लोगों को पसंद आयी होगी ये एक unique type की horror cum suspensive cum love story. ऐसी ही कहानियों के लिए विजिट किजिये मेरी साइट पर या फॉलो कीजिये मेरे ब्लॉग को।
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