2020 में हार्डी संधू और अफसाना खान का एक बहुत ही हिट और memes full song आया था “तितलियाँ। ” उस गीत में एक लाइन आती है “पता नहीं जी कौन सा नशा करता है?” ये लाइन इतनी प्रचलित हो गई कि हर दूसरे मीम में नज़र आने लगी। कुछ वक्त बाद पता चला कि हार्डी ने इस गाने में बड़ा ही “सस्ता नशा” किया था। लेकिन चाहे जितना भी सस्ता नशा क्यों ना प्रयोग किया हो उन्होंने, हमारे आजकल के युवाओं से सस्ता नशा नहीं किया होगा। हाँ सच में , चाहे उन्होंने औरत का नशा किया हो , रुपयों का नशा किया हो याकि बीड़ी-सिगरेट का नशा किया हो, हमारे युवा , हमारे सोशल मीडिया यूजर्स के जितना सस्ता नशा नहीं कर पाये थें वो। हमारे कुछ युवा तो इन सब नशों के साथ एक और नशा करने का हुनर रखते हैं वो है अपनी सस्ती देशभक्ति, अंधभक्ति के प्रदर्शन का नशा।
लेकिन खबरदार जो इस नशे को फालतू समझा तो..? ये फालतू नहीं बहुत अहम है इतना अहम की महंगाई , बलात्कार , हत्या , बेरोजगारी जैसे बेहुदे मुद्दों पर कभी नहीं प्रदर्शित किया जाता(क्योंकि ये देश के मुद्दे हैं ही नहीं , या हमारे इंडिया में ये होतें नहीं ) । ये वहाँ दिखाया जाता है जहाँ समस्त हिन्दुत्व खतरे में हो , देश बस खत्म होने की कगार पर हो, तभी इस नशे को शिव की तरह ग्रहण करके हमारे धर्मरक्षक कृष्ण रूपी अवतार में तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर बायकट रूपी गीता बाँचने लगते हैं।
अभी-अभी इन्होनें #बाॅयकाॅट लुलु मॉल करके दम तोडते हिंदुत्व को ऑक्सीजन की पाइप चढ़ाई ही थी कि नीमुई कोई लाल सिंह चड्ढा नाम की मूवी आ रही है हिंदुत्व का गाला दबाने। जिससे निपटने के लिए हमारे देश रक्षक, धर्म रक्षक फिर से बायकॉट का अस्त्र-शस्त्र लेकर तैयार हैं और सोशल मीडिया पर लोगों के हिंदुत्व का परीक्षण करने लगे हैं ये कहते हुए की ‘अगर आप असली हिन्दू हैं तो आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा नहीं देखेंगे ।’ क्यों नहीं देखेंगे ? अव्वल तो आप ये सवाल ही नहीं पूछ सकते अगर आप सच्चे हिन्दू हो तो! चाहे मूवी जितनी भी जबरदस्त क्यों ना हो,चाहे कितना ही अच्छा मैसेज क्यों ना हो फिल्म के अंदर, नहीं देखनी हैं तो नहीं देखनी है। क्योंकि ये मूवी हिंदुत्व के लिए खतरा है अगर आप ने ये मूवी देखी और इससे समस्त देश को , हिंदुओ को कोई नुक्सान हुआ तो आप को कभी माफ़ी नहीं मिलेगी। दूसरे ये की मैं आपको इस सवाल का जवाब चुपके से बताए देती हूँ ध्यान रहे किसी और को ना बताइयेगा । दरअसल मिस्टर परफेक्टनिस्ट ने पिछली फिल्म जोकि 2016 में आयी थी, क्या थी अरे…. याद आया PK उसमें हिंदुओ के देवी-देवता का अपमान किया था और उनकी धर्मपत्नी ने देश को असहिष्णु भी बोल दिया था बताइए ये भी कोई बात हुई…! मैं तो धर्म रक्षकों के पूरे साथ हूँ वो जो कर रहें हैं बिलकुल सही है। वैसे एक अंदर की बात बताऊँ क्या तो गज़ब मूवी थी पीके , मुझे तो लगता हैं की हर समझदार , बुद्धिजीवी भारतीय को एक बार तो ये फिल्म देखनी ही चाहिए।
किस तरह धार्मिक पाखण्ड को उजागर किया गया है , धर्म की धांधलेबाजी सामने लायी गई है मतलब आप इसे फोन में भी देखते हैं तब भी पैसा वसूल पिक्चर है ये।…….. हाँ तो मैं क्या कह रही थी की वक्त आ गया है हम सब के भी सस्ता नशा करने का क्योंकि अब ये सस्ता नशा ही कयामत के अंतिम छोर पर खड़े अपने देश को बचायेगा। एक पिक्चर से देश की एकता को क्या खतरा हैं ? एक पिक्चर ना देखने से क्या आमिर खान भूखे मर जाएँगे ? ये तो नहीं पता लेकिन अगर धर्म रक्षकों ने बोल दिया है कि खतरा है तो खतरा है। अब आते हैं उनकी पूर्व धर्मपत्नी किरण राव जी के बयान पर। मुझे तो उनके बयान पर बस एक ही बात समझ नहीं आती कि उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल क्यों किया ? किसने कहा था उनसे अपने विचार रखने के लिए। अरे उन्हें अपने दिमाग में ही रखतीं, घुटती, परेशान होती, अरे भले ही मर-मुरा जाती लेकिन कुछ कहती न। लेकिन हैं कुछ अजीब लोग जिन्हें क़ानून की धारा 19,20,21 और 22 का प्रयोग करना अत्यंत पसंद है। इसके अलावा तो मुझे कोई आपत्ति नहीं मेरी आपत्ति का कारण उनका बयान नहीं उनका बोलना हैं ऐसे कैसे कोई अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का इस्तेमाल कर सकता है ? आज को उन्होंने किया था कल को बाकी लोग भी करने लगेंगे। ऐसे तो आवाजें उठने लगेगी देश से, लोग सरकार से जवाब-तलब करने लगेंगे, दिल में कुछ भी रखेंगे ही नहीं देश के हर मुद्दे पर राय देने लगेंगे अपनी, ऐसे तो इंडिया की पॉलिटिक्स में बदलाव आ सकता हैं।ऐसे में आज के युवाओं का सस्ता नशा तो डाइवर्ट हो कर गंभीर मुद्दों पर हुआ करेगा हाँ नई तो …..
मैं तो लाल सिंह चड्ढा देखूंगी ही नहीं मैं सच्ची कट्टरपंथी हूँ कोई मामूली लड़की थोड़ी ही हूँ।
अच्छा हाँ सुनिए! आप लोगों में से अगर कोई ये मूवी देखने जाय तो प्लीज थोड़ा सा इसकी कहानी मुझे भी सुना देना। वरना अगर इस मूवी का कोई सीक्रेट लिंक हो तो शेयर कर देना मेरे से। क्योंकि मुझे आमिर की सभी पिक्चरें बहुत पसंद आती हैं, क्या तो चुन कर पिक्चरें करता है बंदा।
Sab kuch sahi hai par bolna daikhna likhna mana hai sakar kai hisab sai
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