अपने बुढ़ापे को स्वीकार नहीं कर पा रहें ये बॉलीवुड सिलेब्स, एक के बाद एक फ्लॉप हैं जिसका नतीजा।

 कभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की Crush और पाकिस्तानियों के दिलों की धड़कन रह चुकी बॉलीवुड की धक्-धक् गर्ल बोले तो Dancing queen माधुरी दीक्षित की new film रिलीज हो चुकी हैं और नाम हैं उसका “मज़ा मा।” लेकिन ज़रा सुनिए! इतना पढ़ते ही फिल्म देखने के लिए Excited ना होइए क्योंकि ये पढ़कर आपको तेजाब, खलनायक,बेटा या दिल तो पागल हैं की माधुरी याद आ रही होगी लेकिन ऐसा नहीं हैं ऐसा खुद माधुरी भी जानती हैं इसीलिए उन्होंने नई एक्ट्रेसेस की राह आसान करते हुए अपने लिए बड़ी उम्र के किरदार चुनने शुरू कर दिए हैं ताज़ा उदाहरण मज़ा मा फिल्म हैं जिसमें वो शादी लायक बेटे की माँ बनी है। अपनी उम्र के लिहाज से वैसे ही कैरेक्टर चुनने वाली माधुरी एकलौती अभिनेत्री नहीं हैं उनसे पहले तब्बू भी फिल्म दृश्यम में एक 17-18 साल के लड़के की माँ का रोल प्ले कर चुकीं हैं। जूही चावला की Hush-Hush आने वाली हैं जिसमें वो एक Housewife नज़र आ रहीं हैं। माफिया और दो बच्चों की माँ के रोल में आर्या ( सुष्मिता सेन) हम लोगों को पहले ही सरप्राइज कर चुकी हैं, और अब तो रवीना टंडन भी अपनी कमबैक को तैयार हैं फिल्म अरण्यक से जिसमें वो अधिक उम्र की पुलिस बनी हैं जिसे जॉब छोड़ने से थोड़े वक्त पहले ही उसका ड्रीम केस मिलता हैं। symbol of beauty and bollywood’s pride जो अब दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं, भारतीय सिनेमा की चांदनी श्रीदेवी भी लास्ट टाइम में 40-45 साल की महिला वाले रोल प्ले करने लगी थी English-Vinglish में निभाया किरदार हर Middle class family में कम पढ़ी-लिखी housewife की कहानी बता कर गया था।

 

वैसे तो मैं ऐसी कई अभिनेत्रियों के नाम लिख सकती थी लेकिन मैंने उन अभिनेत्रियों के बारे में लिखा जो सलमान, शाहरुख़,आमिर या अक्षय कुमार के साथ काम कर चुकी हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं हैरान हूँ कि इनके साथ काम करने वाली इनसे उम्र में छोटी रही हिरोइंस इनसे बूढ़ी हो गई लेकिन ये जस-के-तस ही हैं पता नहीं किस कंपनी के चव्यनप्राश का सेवन कर रहें हैं ये लोग? और नहीं तो क्या सोच के देखिये सलमान के साथ काम करने वाली माधुरी जहां 27-28 साल के लड़के की माँ का किरदार निभा रहीं हैं वहाँ अपने सल्लू मियां आज भी 27-28 साल के लड़के का किरदार निभाते अपने से आधी उम्र की दिशा पाटनी को किस भी कर रहें हैं ( हालांकि उन्होंने राधे फिल्म चलाने के लिए ऐसा किया था लेकिन ये करने के बजाय अगर वो ये अहसास कर लेते की उम्र हो गई भैया अब उम्र के हिसाब से फिल्में करतें हैं तो शायद फिल्म्स ज्यादा चलती!) अपना ही नियम तोडते हुए और आधी उम्र की हीरोइन को किस करते शायद ही उन्हें शर्म आयी हो! लेकिन हैरानी की बात नहीं अगर ना भी आयी हो तो क्योंकि उन्हें तो तब भी शर्म नहीं आयी जब उन्होंने अपनी गोद में खिलाई हुई, अपनी नजरों के सामने बड़ी हुई लड़की के साथ रोमांस करने में नहीं आयी।(प्रेम रतन धन पायो, सोनम कपूर) खैर अब क्या ही कहें जब इन्होने सदैव जवान रहने की ठान ही ली हैं तो भले ही हेयर ट्रांसप्लांट करवा के या चेहरे पर मेकअप पुतवा के।

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मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान ने थ्री इडिएट्स में एक 18 साल के युवा की भूमिका क्या निभाई वो तो सच में ही खुद का 18 का समझने लगे। भले ही दंगल में दमदार कहानी ने उन्हें एक बुजुर्ग बनने को मजबूर कर दिया हो लेकिन उसके बाद उन्होंने फिर से वही 18 वाला गेटअप पहन लिया। “आलिया के साथ मैं बाप का रोल करना पसंद करूँगा” कहके शाहरुख़ पर तंज कसने वाले आमिर दंगल में अपनी बेटी बनी फातिमा सना शेख के साथ ठग्स ऑफ हिंदुस्तान में रोमांस की कोशिश की । बाकी हकीकत में दोनों का रिश्ता क्या हैं आजकल, ये तो बताने की कोई जरुरत ही नहीं हैं। लाल सिंह चड्ढा में उन्होंने फिर साबित करना चाहा की वो जवान हैं लेकिन दर्शकों ने उस फिल्म को भी नकार दिया। अभी वो किसी खास प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहें हैं तो अब शायद वो थोड़ा बैठ के सोच पाएं की उन्हें जवान ही रहना हैं की अब अपने बुढ़ापे को स्वीकार कर लेना चाहिए?


अब बात करतें हैं फैन,जीरो, जब हैरी मेट सेजल, डिअर जिन्दगी और रईस जैसी फ्लॉप फिल्में देने वाले किंग खान की। जिनकी फिल्म रईस ही अपना लागत निकाल पायी थी उसके बाद आयी सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर मुँह के बल गिरी थी। जूही चावला,और माधुरी दीक्षित से सीख ना लेते हुए ये नई फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त हैं जिनके नाम डंकी और पठान हैं अब देखते हैं कि इन फिल्मों का क्या हाल होता हैं? दर्शक मेकअप द्वारा बनाए गए एक आर्टिफिशल युवा को जो वास्तव में एक बूढ़ा हैं, स्वीकार करतें हैं उतना ही प्यार देतें हैं अपने बादशाह को जितना पहले कि बस ऐसे ही छोड़ देतें हैं उनकी फिल्मों को।


खिलाड़ी सीरीज की धाकड़ हिट्स के बाद अपने भरत कुमार बोले तो अक्षय कुमार भूल ही गएँ कि खेल खेल ही होता हैं हकीकत नहीं बन जाता, और बचपन, जवानी बुढापा कोई खेल नहीं बल्कि जिन्दगी की कठोर हकीकत हैं और इस हकीकत को स्वीकार करतें हुए उन्हें अब खेल से रिटायरमेंट की घोषणा कर देनी चाहिए और टाइगर श्रॉफ, कार्तिक आर्यन, वरुण धवन, आयुष्मान, निखिल, दुलकर सलमान जैसे खिलाड़ियों को अपना दायित्व सौंपना चाहिए। खुद को उन्हें अब सेफ जोन में लाते हुए उम्र के हिसाब से किरदार चुनने चाहिए वरना लोगों को पृथ्वीराज में भी “अपना राजू” नज़र आ जाए तो कोई हैरानी नहीं और कठपुतली में रकुलप्रीत जैसी कम उम्र अभिनेत्री संग में देख लोगो को थोड़ा अजीब लगे तो ये भी नया नहीं लगना चाहिए।


इन लोगों की तरफ बुढापा दौड़ा चला आ रहा हैं लेकिन ये उससे भागते हुए फिल्मों में युवा रोल की ही ताड़ में रहते हैं, ये स्वीकार करने की मनोस्थिति में नहीं हैं कि ये बूढ़े हो रहें हैं। इनसे इतर कोई ऐसा भी हैं जो फिल्मों में भी अपनी उम्र के हिसाब से रोल करने लगा हैं और उम्र के हिसाब से ही जिन्दगी जीने लगा हैं और अब दादा भी बन चुका हैं लेकिन बुढापा हैं की वो आता ही नहीं। हाँ मैं बात कर रही हूँ एवरग्रीन यंगमैन अनिल कपूर की जो अपनी उम्र स्वीकारते हुए बादशाहों और जुग जुग जियो जैसी फिल्मों में अधिक उम्र का किरदार निभा चुके हैं। हालांकि ये तो सौ फीसदी सत्य हैं की उन्होंने तो बुढापा स्वीकार कर लिया लेकिन बुढापा अभी भी उन्हें स्वीकार करने की मनोस्थिति में नहीं हैं। इन उपरोक्त अभिनेताओं को अनिल कपूर से प्रेरणा लेनी चाहिए और आने वाले न्यूकमर्स के लिए रास्ता दे देना चाहिए इससे पहले की पब्लिक इन्हें और बुरी तरह से रौदे।


आज की इस पोस्ट का सारांश बस इतना ही हैं कि बेटियों की उम्र की हिरोइनों के साथ रोमांस करने से अच्छा दामाद की उम्र के हीरोज को फिल्म में काम करने का मौका दें। एक के बाद एक फ्लॉप दे दें के कितना पैसा भर सकेंगे अपनी तरफ से? आखिरी वक्त के लिए कुछ बचा के रखियेगा की नहीं? और हाँ रही एक पते कि बात ये कि हर स्टार मेगास्टार अमिताभ या सुपरस्टार रजनीकांत नहीं बन सकता। ( आज के लिए इतना ही अगले ब्लॉग में इसके पीछे की वजह पर लिखने की कोशिश रहेगी।)

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