कल से मुझे कुछ अतिउत्साहित किस्म के क्रिकेट प्रेमी मिल रहें थें,जिनका सिर्फ एक ही सपना था फाइनल में पकिस्तान को हराना हैं। लेकिन मैं सिर्फ उनसे इतना कह रही थी कि पहले सेमीफाइनल तो निकाल ले इंग्लैंड से। लेकिन उन्हें सुनना ही नहीं था, अरे इंग्लैंड को हराना कौन बड़ी बात हैं? बांए हाथ का तो खेल हैं मेन फोकस तो इंडिया को फाइनल में पाकिस्तान को हारने पर करना चाहिए। कुछ न्यूज़ तो बिलकुल जोश में एक के बाद एक आर्टिकल निकाल रही थी कि आज तो जीत पक्की ही हैं इंग्लैंड पर तैयारी तो हमें 13 नवम्बर की करनी चाहिए। लीजिये अब करिये तैयारी टीम इंडिया के साथ घर वापसी की।
क्रिकेट देखने वालों को आज एक बात तो समझ आ गई होगी कि आखिर क्यों क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता हैं,क्यों कहा जाता की क्रिकेट की लास्ट बॉल होने तक कुछ भी हो सकता हैं। Dear cricket lover’s हमें स्वीकार करना होगा की हम इंग्लैंड से सिर्फ हारे ही नहीं बल्कि बड़ी बुरी तरह हारे हैं।
ऐसा क्यों हुआ जानते हैं? अगर नहीं तो बता दूँ की 23 दिसम्बर को IPL के लिए खिलाड़ियों पर बोली लगनी हैं ये बात जैसे ही इंडियन प्लेयर्स को पता चली तो उन्होंने सोचा होगा कि यहाँ क्या अपनी एनर्जी वेस्ट करना कुछ खास मिलने वाला नहीं हैं आईपीएल में कम से कम भर-भरकर पैसे तो मिलेंगे। ऐसा ख्याल आते ही हमारे प्लेयर्स एनर्जी सेविंग मोड पर लग गए और T-20 जैसे धुआँधार,शानदार रनों की बहार वाले खेल में 10 ओवर में मात्र 62 रन ही बनायें। अलबत्ता पांड्या ने कोशिश की इसमें तड़का लगाने की लेकिन मैंने आपसे पहले ही कहाँ था फाइनल में कोई एक खिलाडी नहीं बल्कि पूरी टीम जाती हैं। पांड्या की 33 गेंदों में 63 रन की पावर हिटिंग का कोई फायदा नहीं मिल सका भारतीय टीम को। केएल राहुल ने 5 गेंद खेलकर और 5 रन बनाकर पूरा सहयोग करने की कोशिश की हार्दिक की लेकिन उन्हें सिर्फ छोटे-मोटे शिकार ही करना पसंद हैं शायद इसीलिए बड़ी टीमों के खिलाफ उन्हें अपने बैट को खामोश रखना पसंद है। हाँ इस हार का एक फायदा भी हुआ वो ये कि कोई भी धोनी की तरह नहीं बन सकता ये तो कुछ ज्यादा ही हो गया कोई थाला के आधे भर का भी बन जाए ये भी मुमकिन नहीं। ये मैच देख के आज भारतीय टीम के चयनकर्ता भी समझ गए होंगे जिनको रोहित शर्मा में माही की झलक दिखती थी और उन्हें लगता था कि रोहित के रूप में उन्हें इस वर्ल्डकप के बाद नया माही मिल जाएगा। अब मिल गया माही? कप भी गया सो अलग। 👉किंग कोहली ने बचाई भारत की लाज
भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने कुछ ऐसे निर्णय लिए जिन्होंने भारत की हार की कहानी लिख दी। उन्होंने खुद को मास्टर समझते हुए गेंदबाजों से अपने मनमुताबिक गेंद करवाई जबकि वो जानतें थें कि वो बैटिंग विशेषज्ञ तो हो सकते हैं लेकिन बॉलिंग विशेषज्ञ नहीं। लेकिन इस मैच में तो उनमें बैटिंग की भी कमी दिखी। कोई 9 ओवर जमने के बाद 27 रन बनाकर कैसे आउट हो सकता हैं? किंग कोहली ने 50 रन बनाकर अपना योगदान दिया लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि हमारे गेंदबाज दबाव को झेल नहीं पायें जिसका फायदा विरोधी टीम ने उठाया और उनकी गेंद से ज्यादा उनके दिमाग से खेला। कैप्टन ने अपनी तरकश के आखिरी तीर मेरा मतलब आखिरी बल्लेबाज को भी आजमाया लेकिन कोई भी ओपनिंग जोड़ी को तोड़ नहीं सका और उन्होंने मात्र 16 ओवर में भारतीय टीम के दिए लक्ष्य 168 से दो रन ज्यादा यानि 170 रन बना कर उन लोगों के सपने को तोड़ दिया जिन्हें फाइनल में पाकिस्तान को हराता हुआ भारत नज़र आ रहा था। हम तो पाकिस्तान को फाइनल में नहीं हरा पाएं लेकिन इंग्लैंड से मिली ये 10 विकेटों की हार ने हमारे चैंपियनशिप के फाइनल में पाकिस्तान से मिली 10 विकटों की हार को जरूर ताज़ा कर दिया।
खैर अब मज़ाक से हट कर कहें तो इस हार के लिए हम किसी एक को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकतें। इस हार के लिए अगर कप्तान को दोषी माना जाए तो राहुल,ऋषभ जैसे खिलाड़ियों को भी कहा जाए और अगर इन्हें कहा जाए तो छोड़ा भारतीय टीम के चयनकर्ताओं को भी ना जाए जिन्हें जबरदस्त फॉर्म में चल रहें संजू सैमसन के बदले उदासीन बैठे ऋषभ ज्यादा फिट लगे, जिन्होंने एक ऐसी टीम सेलेक्ट की जिसमें दबाव झेल पाने की ज्यादा हिम्मत ही नहीं थी। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम में अत्मविश्वास की कमी नज़र आयी जो सेमीफाइनल में थोड़ा और बढ़ गई। जैसे-जैसे दबाव बढ़ता गया खिलाड़ियों का आत्मविश्वास कम होता गया। विकेट ताश की तरह गिरे और रन हमें छूट्टे की तरह मिले।
खैर हमें इतना ज्यादा दुःखी नहीं होना चाहिए इस हार से क्योंकि कोई और हैं जो इस हार का दर्द बर्दाश नहीं कर पा रहा होगा।…….. क्या आप मुझे पता पाएंगे की इस हार का सबसे बड़ा लॉस, सबसे ज्यादा हानि सबसे ज्यादा घाटा किसे हुआ? सोचिए …. सोचिए….. मैं बताऊँ…. oreo का। oreo और वर्ल्डकप का कनेक्शन तो आप समझ ही रहे होंगे। इंडिया में ओरियो फिर से इंडिया में कप फिर से। अब इंडिया में कप तो आया नहीं तो आप अब ओरियो बिस्किट का हाल तो समझ ही सकते हैं। चलिए अम्बानी जी बच गए एक नये कॉम्पिटीटर से 😁😁 ।
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Nice❣️