मैं एक कहवात में बहुत भरोसा करती हूँ जो कहती हैं कि किसी अपराध में साथ ना देते हुए भी उसे चुपचाप देखना, सहन करना भी आपको अपराधी बना देता है, लेकिन पता नहीं क्यों आज इस कहवात को बिलकुल भी मानने का मन नहीं हो रहा मेरा? शायद इसलिए कि इस कहावत के हिसाब से देखूं तो मुझे भारत के आधे नागरिक अपराधी लग रहें हैं, 10 साल का बच्चा अपराधी लग रहा हैं , 70 साल का बुजुर्ग अपराधी लग रहा हैं युवाओं कि तो मैं उम्र ही क्या लिखूँ और कितनों की लिखूँ ? ये सब मुझे अपराधी लग रहे हैं लेकिन ये चुपचाप देख या सहन नहीं कर रहें बल्कि अपनी मर्जी से, पूरे तन मन धन से , पचहत्तर जतन कर के ये एक अपराध देख रहें हैं और उस अपराध को देखने के लिए ये कोई भी अपराध करने को तैयार हैं।
यकीन करना मुश्किल हैं लेकिन 60 लड़कियों की इज्ज़त और जिन्दगी का तमाशा बनते करीब 60 करोड़ लोग ही देख चुके होंगे वीडिओ डिलीट होने से पहले, डिलीट होने के बाद चोरी से ,अलग-अलग वेबसाइट्स से, किसी दोस्त की मदद से या किसी व्हाट्सअप ग्रुप में? देश में और देश के बाहर भी!
अरे! मैं भी कहाँ वेबसाइट्स की बात कर रही हूँ आइये सबसे सस्ता और सबसे आसान माध्यम बताती हूँ ना आपको…. अरे..अरे भाई बता ही रही हूँ रुको ज़रा, सबर करो,इतने ज्यादा उत्तेजित ना हो। हाँ तो मैं क्या बता रही थी सस्ता माध्यम जो हर किसी के पास है आपके फोन में ही, वो सफ़ेद कलर में लाल वर्गाकार और बीच में एक त्रिभुज हाँ जी बस वहीं यूट्यूब वाला कॉर्नर। जाइये वहाँ पे जाइये और चंडीगढ़ यूनि… बस इतना ही डालना हैं सबसे पहले वही आएगा जो आप खोज रहें हैं किसी चैनल में जाइये उसे लाईक करिये, शेयर करिये, सब्सक्राइब करिये…..? क्या कहा? ऐसे नहीं हैं आप? क्या सच में ? अगर ऐसा हैं तो कुछ बेहूदा,बकवास यूट्यूब चैनल अचानक से कैसे 2 दिन में अपने 100 सब्सक्राइबर्स से 1000 सब्सक्राइबर्स तक पहुँच गए? वो भी सिर्फ ये कहते हुए कि पहले लाइक और सब्सक्राइब करिये फिर आपको वो सारे वीडिओ एक एक कर मिलेंगे और दिलासे के लिए हर एक घंटे में 30-35 सेकेंड का क्लिप डाल दे रहे हैं इस वादे के साथ की अगली विडिओ में आपको वो पूरा विडिओ दिखाने वाले हैं। अगर कोई भी समझदार व्यक्ति हो कोई बीमारी ना हो उसे तो वो ऐसे चैनेल्स को पहले डिसलाईक करता हैं और फिर रिपोर्ट लेकिन एक बीमारू,कामुक, बुद्धिहीन बिना कुछ सोचे तुरंत चैनल ज्वाइन कर लेता है इस उम्मीद से कि इस बार क्लिप ही देख लेते हैं अगली बार न्यूड वीडिओ देख लेंगे।
लेकिन आपका खून तब खौल उठता है जब कुछ बेरोजगार, बेकार, कामुकता से पीड़ित किस्म के नादान लोग उस वीडीओ के नीचे कमेंट में यूट्यूबर को गाली देते दिखते हैं ” अबे शा** हैं ही नहीं इसके पास विडीओ ये क्या दिखायेगा चलो कहीं और चले। ” लेकिन आपको थोड़ा सुकून भी वहीं कमेंट बॉक्स में ही मिल जाएगा कुछ दिल से मासूम और दिमाग से भोले लोगों के द्वारा जो वो ऐसे घटिया यूट्यूबर्स से हाथ जोड़ के विनती कर रहें हैं कि विडीओ शेयर ना करें आखिर वो भी तो किसी की बेटी हैं उनकी भी कोई इज्ज़त है। कुछ गर्म खून के युवा भी है जो साफ कहते हैं कि विडीओ डालना है तो अपनी मा*और बह्* का डाले।
ये सिर्फ यूट्यूब का ही नहीं अन्य मीडिआ प्लेटफार्म का भी यही हाल है जहाँ लोग रिक्वेस्ट कर रहें हैं कि अगर किसी लड़की का विडीओ उन तक आए तो वें उसे बिना देखें ही डिलीट कर दें, वहीं कुछ हैं जो ये कह रहें हैं विडीओ का लिंक यहाँ है वहाँ है जल्दी से देख लो और शेयर कर दो। कुल मिलाकर अगर आप किसी सोशल साइट्स पे हैं तो ये बचाने- दिखाने का खेल तो आप भी देख रहे होंगे। लेकिन मेरे जहन में ये इज्ज़त, जिन्दगी, वीडिओ,MMS कुछ नहीं चल रहा मेरे दिमाग में आ रहा हैं तो बस Human Anatomy, Biology….. और मैं सोच रही हूँ कि लड़कियों के निर्वस्त्र शरीर को देखने के लिए उत्सुक लोग कभी 10th or 12th में कभी बायोलॉजी नहीं पढ़े होंगे क्या? या उन्हें मालूम नहीं है कि लड़कियों की शारीरिक संरचना कैसी होती हैं? क्या अपनी माँ का स्तनपान उन्हें ज़रा भी नहीं याद रहा ? क्या है ये ? किस प्रकार की धुन है जो लड़कियों के नहाने का वीडिओ ऐसे वायरल हो गया? क्या सच में आज तक किसी को नहीं मालूम था कि लडकियां कैसे नहाती हैं? क्या सोच के लिंक पे बार बार क्लिक किये जा रहें हैं क्या हर बार कुछ नया पता चल रहा है ? वो साबुन एलियन वाला लगा रही हैं कि शैम्पु चाँद की मिट्टी से बना हुआ है? पानी ग्रहों से उतर कर उनके बदन पर गिर रहा हैं कि बादलों की टॉवेल लपेट रहीं हैं वो ? नहीं…ऐसा नहीं हैं वो तो इंसान जैसे ही हमारे आपके जैसे ही, आदमियों के जैसे ही नहा रही हैं! कमाल हैं यार फिर तो ! तब क्यों भाई? किस लिए?
विश्वामित्र ने अपनी तपस्या अगर मेनका को देखने के लिए भंग की तो कोई नई बात नहीं हैरानगी नहीं इसमें क्योंकि उस समय ना उनके पास स्मार्टफोन था ना जिओ का unlimitted pack था, ना सोशल साइट्स थी ना पोर्न साइट्स ना ही कोई गर्लफ्रेंड थी तो उनमें अगर स्त्री तन देखने की जिज्ञासा उठी तो कुछ गलत नहीं था फिर अप्सरा आयी भी तो उन्हें रिझाने ही थी। लेकिन आज इस कलयुग के मनुष्य में ऐसे उत्सुकता देखना विडम्बना लगता हैं।
मुझे ना यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर कुछ कहना है ना उस लड़की पर जिसने ये किया क्योंकि प्यार में पड़ने के बाद इंसान वो नहीं रहता जो था उसे बस सामने वाले की फ़िक्र रहती है चाहे उसके बाकी रिश्ते उससे छूटते जाय! उस लड़की ने लड़के के दबाव में आकर या उसे खुश करने के लिए चाहे जैसे भी वीडीओ बनाए हो उसकी सजा उसे क़ानून देगा। उसने और उसके दोस्त ने ना सिर्फ नैतिकता की हत्या की हैं बल्कि भरोसे की भी हत्या की हैं। उस लड़की की वजह से कुछ लडकियां डिप्रेशन में चली गई कुछ ने आत्महत्या करी या करने का प्रयास किया। लेकिन दिल पर हाथ रखकर कहिये इस घटना ने आपको कितने अंदर तक झकझोर दिया है? ज़रा भी दर्द महसूस कर पाये उन मासूम लड़कियों का ? अगर ऐसा कुछ भी हुआ है आपके साथ तो जहाँ भी उनसे जुड़ी बातें हो या विडिओ का प्रचार-प्रचार हो तो तुरंत कोई एक्शन ले, उसे डील करें, ना कि चुपचाप उसे देखते रहें और खुद को अपराधी साबित कर दें।
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