मंगलवार के दिन शैलेश नाम के युवक ने फेसबुक लाइव करके लोगों के साथ अपनी मंगेतर की फोटो और नंबर शेयर कर रिक्वेस्ट करके कहा कि ,”इसकी वजह से मैं मर रहा हूँ प्लीज आप लोग इसकी भी शादी मत होने देना। इतना कहके उसने ब्लेण्डर से अपना गला काट लिया। ये वीडिओ जब युवक के परिचितों ने देखा तो तुरंत हैदराबाद के लिए रवाना हुए जहां वह युवक काम करता था। सही समय पर इलाज मिल जाने पर युवक की हालत तो स्थिर हो गई है लेकिन डॉक्टर का कहना है की गले की नस कट जाने से शायद ही अब वो कभी बोल पाये।
युवक खतरे से बाहर हो गया लेकिन उसकी फैमिली पर बहुत बड़ा खतरा आ गया।माँ को जेवर बेचने पड़े, पिता को सारी ज़मीन और घर बेचना पड़ा, दो बड़े भाइयों को अपनी सारी जमा पूंजी लगानी पड़ी छोटे भाई के इलाज में। घर वालों का कहना हैं बस लड़का बच जाए चाहे कुछ भी ना बेचना या गिरवी रखना पड़े। रिश्तेदारों से भी काफी पैसा उधार लेकर युवक का भाई कमलेश हैदराबाद गया हुआ हैं। इतना पैसा खर्च होने के बाद भी युवक के बोलने की उम्मीद नहीं दिख रही। दूसरी तरफ शैलेश ने जिस लड़की के लिए ये किया उसके परिवार वालों ने शैलेश को पहचानने से भी इंकार कर दिया। fall in love with yourself. एक वादा खुद से,खुद के लिए।
अब ज़रा सोच के देखिये एक तरफ वो माँ-बाप जिन्होंने उसे जन्म दिया,पाला-पोसा, वो बड़े भाई जिन्होंने उसे एक बच्चे की तरह समझा खुद से पहले उसके लिए हर चीज़ लाए और दूसरी तरफ वो लड़की जिससे बस 4 महीने पहले शादी तय हुई थी,उसकी थोड़ी सी नाराजगी। इन दोनों में से युवक को किसे चुनना चाहिए था? आप में से लगभग हर किसी का जवाब पहला वाला होगा यानि फैमिली। लेकिन फिर भी आप में से ही कुछ ऐसे लोग होंगे जो अपने पार्टनर की बेवफाई की वजह से मरने मारने का सोच रहें होंगे। आप में से कुछ लोगों को लग रहा होगा कि बिना अपने प्यार के आप जी ही नहीं पाएंगे, उससे ज्यादा दुनिया में आपको कोई प्यार कर ही नहीं कर सकता ये सब सोचते हुए ना आपको माँ का चेहरा दिखता है ना बहन का प्यार पापा की जिम्मेदारी भी नहीं और ना भाई का साथ।पूरी दुनिया में दिखता हैं तो बस आपको एक ही शख्स, जो शायद प्यार भी ना करता हो आपसे। मैं मानती हूँ कि कभी-कभी कोई इंसान हो जाता है सबसे खास लेकिन इतना खास कोई कैसे बना सकता है किसी को कि उसके आगे आपको कुछ दिखें ही ना! मैं मान लेती हूँ कि ये जो प्यार हैं ये हार्मोन्स के सिवा भी कुछ हैं लेकिन क्या एक वहीं इंसान आपसे प्यार करता हैं बस! आपके अपने, दोस्त बाकी रिश्ते ये प्यार नहीं करतें आपको ? और सबसे जरुरी बात तो क्या आप प्यार नहीं करते खुद से? अगर आप खुद से प्यार करतें हैं तो दुनिया आपको प्यार करें या ना करें आपको घंटा फर्क नहीं पड़ने वाला और अगर आप खुद से प्यार नहीं करतें तो किसी से घंटा उम्मीद नहीं कर सकते की वो आपको प्यार करें।
अब इसी केस में देखिये अगर ये युवक थोड़ा भी खुद से प्यार करता या अपने माँ-बाप का ख्याल होता तो फेसबुक लाइव पर आकर ये अपना गला नहीं काटता बल्कि आकर कहता कि तू नहीं तो कोई और सही, और नहीं तो कोई और सही। बॉस बस यही तो जिन्दगी हैं, जब आप खुद से प्यार करते हो तभी तो दूसरों को प्यार दे सकते हो,जिसे खुद से प्यार नहीं वो दूसरों को कैसे प्यार दे सकता हैं भला? युवक शैलेश ने जैसी नादानी की जिसे वो प्यार का नाम दे रहें हैं दरअसल वो भी प्यार नहीं है।अगर वो प्यार होता तो इस तरह से कोई अपने प्यार को बदनाम तो नहीं करता। जिसकी इज्ज़त की हिफाजत के लिए उसने लड़की से वादें किये होंगे उसी की फोटो सोशल मीडिआ पर डाल दी वो भी नंबर के साथ! वाह, भाई बड़ा गज़ब प्रेम हैं ये तो….! ऐसा प्रेम जो आजकल बहुत ही बहुत ही बहुत ही जगह पर व्याप्त हो चुका हैं हर कहीं। अगर राह चलता कोई व्यक्ति बोले कि उसे प्यार हो गया चलते-चलते ही किसी से तो भी मैं तुरंत मान लूंगी क्योंकि आजकल ये प्रेम ट्रेंड में चल रहा हैं फैशन है इसी प्रेम का। लेकिन इस प्रेम से ज्यादा तो मैं निब्बा-निब्बी के प्रेम को प्रमुखता दूंगी और इस प्रकार का प्रेम को तो मेरे लिए छज्जे वाले प्रेम के आसपास भी नहीं है। ऐसा नहीं है कि मैं शैलेश का या उसी के जैसा प्यार करने वाले युवकों के प्यार का मज़ाक उड़ा रही हूँ। ऐसा कुछ नहीं हैं मैं बस अपनी समझ और प्रकाशित हुई रिपोर्ट्स के आधार पर प्यार की परिभाषा बताने की कोशिश कर रही हूँ कि युवक ने जो किया वो प्यार नहीं पागलपन था बस। अब सोचिए जब वो ठीक होकर घर आएगा तो अपने माँ-बाप से आँखे कैसे मिलाएगा? उसे कैसा लगेगा जब पता चलेगा कि उसकी वजह से पूरा घर कंगाल हो गया हैं? उसे कैसा लगेगा जब उसे गूंगा, अपाहिज,या सरफिरा समझा जाएगा। उस लड़की के जाने के बाद वो किसी और के साथ नया जीवन शुरू कर सकता था लेकिन क्या अब कोई माँ-बाप अपनी बेटी ऐसे इंसान को देना चाहेंगे जो बोल नहीं पता हो? शायद नहीं। युवक के आत्महत्या के प्रयास से जो भी गया उसका गया उसके परिवार का गया लेकिन उस लड़की या उसके परिवार का तो कुछ गया नहीं जिसके लिए वो मरने चला था, न ही उसे कोई फर्क ही पड़ा हैं। 5जी के दौर में शैलेश जैसे दिवाने बढ़ते ही जा रहें हैं। एक-दो दिन के अंतराल पर कोई ना कोई खबर निकल ही आती हैं गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के चक्कर में सुसाइड करने की। वीडिओ बनाकर, लेटर लिख कर झूल जाते हैं पंखे से या ज़हर खा लेते हैं। ऐसा करके उन्हें लगता हैं कि अब वो उसकी याद में रोयेगी या रोयेगा। नहीं भाई नहीं, यहाँ किसी के पास अपनी परेशानियों को रोने का वक्त नहीं हैं कोई तुम्हारे लिए क्या रोयेगा, सिवाय तुम्हारे घर वालों के क्योंकि उन्होंने तुम्हें सच्चा और पहला प्यार किया होता हैं। किसी ऐसे इंसान के लिए मरना जो तुमसे प्यार ही नहीं करता ये तो उन लोगो की बेज्जती हो गई जो तुमसे प्यार करतें हैं जैसे तुम्हारे मम्मी-पापा। और माँ-बाप को बेइज्जत करते समय थोड़ी तो शर्म करनी चाहिए उनके बच्चों को, जिन्होंने पैदा होने से लेकर आज तक तुमसे प्यार किया,तुम्हें संभाला उन्हें तुम आखिरी में बेइज्जत करके चलें जाते हो। अभी कुछ दिन पहले एक युवक ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली कि उसकी गर्लफ्रेंड ने उससे बात करने से मना कर दिया था और बोला था कि तुम पास होते तो मैं तुम्हें मार देती। तो भाईसाहब ने विडिओ बनाया कि “तुम मुझे मरना चाहती थी और तुम्हारी ख्वाहिश अधूरी कैसे रख सकता हूँ मैं?” और पी लिए केरोसिन और हो गए प्यार के लिए कुर्बान। ध्यान देने वाली बात ये हैं ये वहीं लोग हैं जो पास की दुकान से मम्मी की धनिया लाने की ख्वाहिश नहीं पूरी करते थें और लड़की मिलते ही उसे जान गिफ्ट कर दी।
मेरे हिसाब से तब प्यार का बस सिम्पल सा गणित होना चाहिए प्यार दो,प्यार लो। और अगर कोई प्यार नहीं लेना चाह रहा तो उसे प्यार फिर क्यों दो यार कोई सस्ती चीज़ नहीं हैं ये जो मुफ्त में बाटों, और अगर कोई प्यार नहीं दे रहा तो क्यों छिनने की कोशिश करो क्योंकि प्यार इतना भी महंगा नहीं हैं कि आप किसी दूसरे से कमा ना पाओ।