इजहार कर भी दो ना यार!
इश्क हो तो इजहार हो। ना हो तो क्योंकर तकरार हो। पर … Read more
इश्क हो तो इजहार हो। ना हो तो क्योंकर तकरार हो। पर … Read more
मैं आप ही अपनी प्रेमिका मैं आप ही अपनी सहेली। और नहीं कोई मेरे जैसा बस मैं एक अकेली। वेलेंटाइन वीक अपनी मध्यावस्था में पहुँच चुका हैं अब बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं वो भी मैं उम्मीद करती … Read more
जब मैं कक्षा 5 में थी तो मेरा Friend circle काफी सिमित हुआ करता था कोई 5 दोस्त ही रहें होंगे मेरे, जिनमें भी गुफरान , अशरुन और नाजिया थीं मतलब मुस्लिम दोस्त । हाय! मुसलमान?…. अगर मुझे पता होता कि वो मुस्लिम हैं तो सच्ची मैं उनसे दोस्ती नहीं करती। लेकिन पता भी कैसे … Read more
साँसो में तेरी नजदीकियों का इत्र तू घोल दे…. मैं ही क्यों इश्क़ जाहिर करुं,तू ही कभी बोल दे…. मेरे एक दोस्त ने एक बार मुझसे ये सवाल पूछा कि” आवा , क्या जरुरी है लड़कियों को लड़के ही पहले प्रपोज करें कभी लडकियां क्यूँ नहीं प्रपोज … Read more
हर तरफ शोर है तेरे आने का! आशिकों ने ए फरवरी! तुझे भी मशहूर कर दिया। फरवरी के इस रुमानी महीने में अगर आप लोगों से मैं ये पूछूं कि कैसे हाल है आप सब … Read more
यूँ किया जाए इसे सीने में संभाल रखा जाये, क्या पता कब कौन माँग ले, चलो दिल का खयाल रखा जाये। – Awa दिल….! शब्द नहीं पूरी एक भावना … आशिक़ो और शायरों के लहजे में, जिसके बिना … Read more
भारतीय राजनीति के निम्न स्तर का दौर ! इन दिनों चुनाव प्रचार जोरो-शोरों पर हैं,आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल निकला है , धज्जियों के साथ-साथ मर्यादाएं भी तार-तार की जा रही है , आक्षेप सहे जा रहें हैं, कटाक्ष किये … Read more
इसकी पेशानी चूमकर,इसे सीने से लगा लेने को जी करता है ,कभी-कभी तन्हाई भी दिलरुबा-सी लगती है। – awa मौसम … Read more
हर व्यक्ति को डायरी क्यों लिखनी चाहिए । जैसा कि मैंने पिछले ब्लॉग में डायरी की कुछ विशेषताओं का जिक्र किया था और कहा था कि इस पार्ट में मैं आपको डायरी लिखने की शुरुआत और डायरी लिखने के फायदे बताउंगी … Read more
हर व्यक्ति को डायरी क्यों लिखनी चाहिए ? लिखा-लिखाया शिकायतों का शगूफा था पूरा…. उसकी डायरी महज एक डायरी नहीं थी। – आवा इस दुनिया में हजारों तरह के लोग हैं और उनके हज़ारों तरह के … Read more