कभी-कभी अकेलापन भी अच्छा होता है।
इसकी पेशानी चूमकर,इसे सीने से लगा लेने को जी करता है ,कभी-कभी तन्हाई भी दिलरुबा-सी लगती है। – awa मौसम … Read more
इसकी पेशानी चूमकर,इसे सीने से लगा लेने को जी करता है ,कभी-कभी तन्हाई भी दिलरुबा-सी लगती है। – awa मौसम … Read more
हर व्यक्ति को डायरी क्यों लिखनी चाहिए । जैसा कि मैंने पिछले ब्लॉग में डायरी की कुछ विशेषताओं का जिक्र किया था और कहा था कि इस पार्ट में मैं आपको डायरी लिखने की शुरुआत और डायरी लिखने के फायदे बताउंगी … Read more
हर व्यक्ति को डायरी क्यों लिखनी चाहिए ? लिखा-लिखाया शिकायतों का शगूफा था पूरा…. उसकी डायरी महज एक डायरी नहीं थी। – आवा इस दुनिया में हजारों तरह के लोग हैं और उनके हज़ारों तरह के … Read more
नए साल मे जहां पूरी दुनिया जश्न मे डूबी हुई थी , सारे धर्म सारी जातियां भूलकर लोग एक दूसरे को गले लगाकर नए साल के आगमन की बधाइयां दे रहें थें , वहीं दूसरे गृह से आए निम्न कोटि के कुछ प्राणी नए साल पर साम्प्रदायिकता फैलाने के प्रयास मे लगे हुए थें , … Read more
क्या नग्न स्त्री कलाकृतियां ही सफल कलाकार होने की निशानी हैं? कौन देखे बदन के आगे औरत को… सबकी आँखे गिरवी है इस नगरी मे। – हामिदा शाकिर सन् 1997 में एक चर्चित मूवी आई थी इश्क़ नाम की उसमें … Read more
सियासत को लहू पीने की लत है! वरना मुल्क में सब खैरियत है। किसी मशहूर शायर का यह शेर आज की परिस्थितियों पर एक दम सही बैठता है / आज जब पूरी दुनिया कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन में फिर … Read more
चलो सजदा करते हैं इस जाते साल को…. उठते हैं, बांहे फैलातें हैं,सीने से लगा लेते हैं , सामने खड़े मुस्कुराते साल को।। साल 2021 नये दशक का नया साल !नया साल ? …हॉं 365दिन … Read more
आजकल मैं अपनी College life enjoy कर रही हूँ रोज College पहुंचते-पहुंचते और वापस आते-आते मैं इतनी बातें ,इतने सबक सीख लेतीं हूँ जितने मैं क्लॉस में नहीं सीख पाती । हॉं मैं सच कह रही हूँ भीतरी दुनिया से जिसमेें हमें एक पहुँची हुई पद्धति के द्वारा डाला जाता हैं उससे ज्यादा मैंने उस … Read more
घटती खुशी (Happiness) का बढ़ता दायरा। Happiness , Glad ,मुस्कान , प्रसन्नता, हर्ष: ,और भी कई भाषाओं में खुशी को कई नामों से जाना जाता है ,मगर नाम चाहे कितने ही रख लो आप अर्थ तो बस “शारीरिक स्वास्थ्य … Read more
सोमवार, शुक्रवार ,कभी तीज कभी त्यौहार …… पेट पर पत्थर बान्धकर जो गुजारा है चलो उस वक़्त को वापस मॉंगतें हैं यार ! त्यौहारों का सीजन चल रहा था दिपावली हो गई ,नरक चतुर्दशी हो गई और भाई दूज भी हो गया अब पुरुष प्रजाति सोमवार को अपने काम पर चली जाएगी ,बाल प्रजाति स्कूल … Read more