लड़कियाें के सपने में राजकुमार ही क्यों आतें हैं।

 कहतें हैं कि सपनों का conection हमारी जिन्दग़ी में बसी किसी हकीकत से होता है ,हमारे सपनों में अधिकतर वहीं बातें या चेहरें आतें हैं जो हमनें कभी सुने या देखे होतें हैं हमें तो याद नहीं रहता मगर हमारे Subconscious mind में जिन्दग़ी की हर घटना दर्ज होती है जो वक्त-बेवक्त सपनों के रूप में आंखों के सामने आ जाती है।

लेकिन जो जगते हुए आंखों के सामने आतें रहें वक्त-बेवक्त नहीं बल्कि हकीकत का दम लेकर जबरदस्ती जो आंखों में ठूंसे रहें हर वक़्त वो सपने नहीं होतें बल्कि कोरी कल्पना होतीं हैं महज।

ऐसी ही  एक कोरी कल्पना लड़कियाें को भी दिखाई जाती है हॉं! ठीक पढ़ा आपने दिखाई जाती है वो खुद से नहीं देखती बल्कि दूसरों की आंखों का पीढ़ी-दर-पीढ़ी ढोया गया एक बोझ उनकी आंखो पर लाद दिया जाता है।

कुछ महीने पहले मैंने अपने Fb acount पर एक लड़के की post  पढ़ी थी कि  “सारी लड़कियाें के सपने में राजकुमार ही क्यों आते हैं किसी लड़की के सपने में कोई मजदूर क्यों नहीं आता ?” तब इस बात को मैं नादानी समझ टाल गयी थी ।      लेकिन थोडे़ समय पहले मेरे दोस्त ने भी मजाक-मजाक में बोल‌ दिया “हॉं तुम तो अपने सपनों के राजकुमार से ही शादी करोगी  ” तो मेरे दिल में आया था कि मैं उनसे कहूॅं I am not a princess ,I am a queen और Queen के सपने में उसका Kingdom आता है न  कि  prince , पर किसी एक से ऐसा कहकर मैं वो मानसिकता नहीं बदल सकती जो इस देश ‌की बल्कि मुझे तो कहना चाहिए कि विश्वव्यापी सोच हैं ये। 

मैं नहीं कहती कि ये सोच गलत है लेकिन ये सोच बनने का जो कारण है वो गलत है शायद बहुत गलत जिसमें प्रमुख है  लैंगिक असमानता ।                                                         लड़कियाें के सपने से समानता-आसमानता का क्या ताल्लुक ?                                                                     कभी ध्यान दिया है आपने कि आप अपने बच्चों को कैसी कहानियां सुना रहें हैं  जाहिर सी बात है अगर लड़का होगा तो  बडे़-बड़े शूरवीरों की ,महान‌ क्रिकेटरों की या सैनिकोंं की और लड़की है तो सबसे पसंंदीदा कहानी “एक दिन ‌एक राजकुमार आएगा और उड़ते हुए घोड़े पर मेरी प्यारी राजकुमारी को बिठा कर अपने साथ ले जाएगा।” ये कहानी इतनी सदियों पुरानी हो चुकी है कि  राजे – राजकुुुमारों से लेकर ठाकुर – जमींदारोंं तक के दिन चले गएं , मगर ये कहानी नहीं गयी।                          

मैं भी एक लड़की हूँ लेकिन मेरे सपनों में राजकुमार नहीं आता क्योंकि मुझे ऐसी कहानी कभी भी नहीं सुनाई मेरी दीदी मॉं ने। उन्होंने मुुझे नीरजा भनोट की , इंदिरा गांधी की , अमृृता प्रीतम की ,कलाम सर , अरस्तू , सिकंदर और ऐसी ही कई महान  हस्तियों की कहानियां सुुनाईं हैं। बचपन से ही मैैंने इनके जैसा करने का प्रयास किया न कि साज सिंगार करके‌ मैंने इस तरह की कल्पपनाओंं में खोकर अपने सपनों के राजकुमार के आने का  इन्तेज़ार किया ।    

मेरी तरह कई और लड़कियाँ होंगी जिनके सपने में उनके लक्ष्य आते हैं न कि राजकुमार । हांलाकि मैं ये भी मानती हूं कि गरीब से गरीब बाप भी अपनी बेटी को राजकुमारी बना के रखना चाहता है और उससे कहता भी है कि तुझे राजकुमार ले जाएगा ये कभी नहीं कहता कि तुझे लकड़हारा ले जाएगा या धोबी   के साथ अपनी राजकुमारी का ब्याह कराऊंगा। मगर कई लड़कियाँ इस राजसी तिलस्म को तोड़ कर बाहर आ गयीं हैं और कई का आना बाकी है।

      ये ्काफी हास्यप्रद है कि जो भाई घर में अपनी बहन‌को लाड करके राजकुमारी बुुुला के नाजुक कली कहके  निकला पर रास्ते भर दिमाग में ये  चल रहा है  कि लड़कियाें के सपने में राजकुमार ही क्यों आते हैं! है ना थोड़ा सा मजेेेदार ।        

     लड़कियाें के इस सपने को अगर मैैं एक Feminist के तौर ‌पर  देखूं तो मैं कहूंगी कि औरते पुरुषों की सदियों पुरानी साजिश की शिकार आज भी हैं। जिसके तहत पुरुषों ने स्त्री को खुुुुद से कम दिखाने की एक सरल युक्ति निकाली जिसमें उन्होंने स्त्री के पसंंदीदा आदत को  (तारीफें सुुुनना ) ही उनके खिलाफ हथियार बना लिया , जिसका नतीजा आज पूूरी दुनिया के सामने हैं ।                                                                       मेरा  ये मतलब जरा भी नहीं हैं कि आप अपनी बहन को ,बेटी को या दोस्त को राजकुमारी, परी ,कली कहकर न बुलाऐं  लेकिन सिर्फ इतना हैं कि कहीं आपकी बातों का वही मतलब तो नहीं जो आप कह रहें हैं या वो  वही मतलब तो नही समझ रही जो इन शब्दों से झलक रहा है और अगर आपकी बेटी वही  मतलब समझ रही है तो ये न कहे कि वो राजकुमारी नहीं है बल्कि ये बताऐ राजकुमारियां कितनी बहादुर होती ंहैं और हर बार उन्हें राजकुमारों की जरूरत नहीं पड़ती वो खुद की रक्षा करने में समक्ष होतीं हैं। और ….
Dear boys , जिस दिन सभी लड़कियाें का राजकुमार वाली कल्पना से भरोसा उठा उस दिन आप पाएंगे कि लड़कियाँ खुद ही की मल्लिका हो चुकी हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए ,अपनी जरुरत के लिए आपकी इतनी आवश्यकता नहीं रही जितनीं कभी रहा करती थी।

Dear girl’s , मैं आपसे भी  कहना चाहूँगीं कि आप अब इस झूठें दावे मे न‌ आकर खुद  ही को queen बना ले क्योंकि राजकुमार कितना भी शक्तिशाली हो लेकिन रानी के सामने सिर झुकाता ही हैं और अगर अभी भी आपमें हवा में उड़ते हुए घोड़े पर आते राजकुमार के संग सैर करने का मन है तो ऐसा होने से रहा आप खुद ही Horse riding  सीख लें ।

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