Definations of Attribution ,Types and example
1. “Attribution is a presumption about the cause of a person’s behavior or an interpersonal event.” – American psychological association ( APA)
“किसी व्यक्ति के व्यवहार या एक पारस्परिक घटना के कारण के बारे में अनुमान को आरोपण कहतें हैं ।”
2. शेवर (1977) के अनुसार, “गुणारोपण प्रक्रम ऐसे संज्ञानात्मक प्रक्रम हैं जिनके द्वारा प्रत्यक्षक अन्य व्यक्तियों के कार्यों की व्याख्या करता है।”
“Attribution processes are cognitive processes through which perceivers interpret the -Shaver actions of other people.”
3. बैरन एवं बाइरन (1987) के अनुसार, “गुणारोपण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा दूसरों के व्यवहारों के कारणों को निर्धारित किया जाता है और उनके स्थाई शीलगुणों एवं स्ववृत्तियों बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।
“Attribution is the process through which we seek to determine the cause of other’s behaviour and gain knowledge of their stable traits and dispositions.” -Baron and Byrne
4. मायर्स (1988) के अनुसार, “गुणारोपण में दूसरों के व्यवहारों की व्याख्या की जाती है यथा व्यवहार का कारण आन्तरिक स्ववृत्तियाँ (स्थाई शीलगुण, प्रेरक एवं अभिवृत्तियाँ या बाह्य परिस्थितियाँ) |
“Attribution is explaining other’s behaviour for example by attributing it either to internal dispositions (enduring traits, motives and attitudes or to external situations.”) -Myers
5. According to Feldman (1985) “Attribution is the process of understanding and making judgments about the causes of other people’s behavior”.
फैल्डमैन (1985) के अनुसार” दूसरे लोगों के व्यवहार के कारणों को समझना तथा उसके बारे में निर्णय लेना ही गुणारोपण कहलाता है।”
इस प्रकार स्पष्ट है कि गुणारोपण की प्रक्रिया किसी व्यक्ति द्वारा किए गए या किए जाने वाले व्यवहार के कारणों को निर्धारित करने, उसकी विशेषताओं का अनुमान लगाने और उसकी इच्छाओं, भावनाओं तथा इरादों को निश्चित करने में सहायक होती हैं।
सरल शब्दों में,” आरोपण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम यह पता लगाने की कोशिश करतें हैं कि अन्य व्यक्ति जो व्यवहार कर रहा है , उसके पीछे का कारण क्या हो सकता है।”
उदाहरण : ऑफिस जाते वक्त यदि हम किसी व्यक्ति को जल्दबाजी में जातें देखतें हैं तो यह सोचते है की शायद उसे देर हो गयी है अथवा उसे किसी बहुत जरूरी मीटिंग में शामिल होना है।
👉 Attribution की इस प्रक्रिया से लगभग प्रत्येक व्यक्ति गुजरता है। यह उसके साथ प्रायः घटित होने वाली घटना है। किसी को जल्दबाजी करते हुए देखकर , असामाजिक व्यवहार को देखकर अथवा किसी व्यक्ति की सफलता असफलता को देखकर हम अक्सर अनुमान लगाने लगते है कि ऐसा कैसे हुआ होगा ? या अमुक व्यक्ति ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है ?
Types of Attribution ( आरोपण के प्रकार )
एट्रीब्यूशन दो प्रकार का होता है। –
(1) Internal attribution (आंतरिक एट्रिब्यूशन) : इसे dispositional attribution भी कहतें हैं । इसमें किसी व्यवहार या घटना के लिए व्यक्तिगत कारक (स्वभाव, बुद्धि , ज्ञान आदि) जिम्मेदार होते है। व्यक्ति का व्यवहार बाहरी करकों से प्रभावित , सीमित और निर्धारित नहीं होता है ।
उदाहरण -( i) यदि किसी छात्र को परीक्षा में खराब अंक मिलते हैं तो इसका आंतरिक कारण यह होगा कि छात्र ने मेहनत नहीं की थी अथवा परीक्षा करते वक्त वह स्वयं को थका हुआ महसूस कर रहा था ।
(ii) आप कार ड्राइव कर रहें हैं और आपकी कार बीच में ही खराब हो गयी ,तो इसका आंतरिक कारण यह है कि आपको सही से कार चलाना नहीं आता था ।
(2) External Attribution (बाह्य एट्रिब्यूशन) : इसे situational attribution भी कहा जाता है । यह स्थितिजन्य कारकों से उत्पन्न होता है। बाहरी कारक ( मौसम , परिस्थिति , अन्य लोगों का व्यवहार आदि ) व्यक्ति के नियंत्रण से बाहर होते है , व्यक्ति का परिस्थिति पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता है । ऐसे में व्यक्ति के पास कोई विकल्प मौजूद नहीं रह जाता है और उसका व्यवहार बाहरी कारको से प्रभावित , सीमित या पूरी तरह से निर्धारित होने लगता है ।
उदाहरण -( i) यदि किसी छात्र को परीक्षा में खराब अंक मिले हैं तो इसका बाह्य कारण यह होगा कि टीचर ने सही से कॉपी नहीं चेक की है या उसने पेपर बहुत ही कठिन सेट किया था ।
(ii) जब आप कार ड्राइव कर रहें हैं और आपकी कार बीच में ही खराब हो गयी है तो इसका बाह्य कारण यह होगा कि कार काफी पुरानी थी, या सड़क काफी खराब थी ।
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