दिवाली आने वाली हैं सब लोग घर की साफ-सफाई में लगे हुए हैं। आपने भी दीवारें साफ कर ली, नए परदे लगा दिए,पुराने कपड़े बाँट दिए,वो किताबें भी बेच दी जिन्हें सालों से संभाल के रखा था, दिल मजबूत करके कुछ पुराने मगर प्यारे सामान भी आपने कबाड़ वाले के हवाले कर दिए,ये सब किसलिए? ताकि दीवाली में घर अच्छा लगे, सुंदर लगे कुछ भी पुराना ना दिखें। तो फिर यही नियम दिल और दिमाग पे लागू क्यों नहीं हैं? इस दिवाली पर सिर्फ घर ही नहीं दिल भी तो साफ होना चाहिए, उसमें भी तो सारी चीजें व्यवस्थित ढंग से रखनी चाहिए बिलकुल करीने से सजाकर, तो फिर दिल के साथ इतनी लापरवाही क्यों?
सारे पुराने सामान हटा देने से , घर चकाचक कर देने से, नए परदे लगा देने से और दोस्तों के लिए कुछ तोहफे खरीद लेने से क्या आपका मन भी प्रसन्न हो जाएगा? आपके आसपास हर चीज़ नई होने से आपके अंदर पुरानी यादों का,कुछ कड़वे अनुभवों का जो कचरा हैं वो साफ हो जाएगा ? नहीं! उसके लिए आपको पूरे मनोयोग से प्रयास करके अपने आप उस कचरे को अपने दिमाग से निकलना होगा। जिन्होंने आपके साथ बुरा किया उन्हें माफ़ करना होगा या कि उसे भूलना होगा एक हेल्दी दीवाली आप तब ही मना पाएंगे जब मन पर कोई बोझ ना हो और दिमाग शान्त हो ।
शायद ही आपको पता हो कि बुरी यादें आपको बीमार बना सकती हैं वे यादें जिन्हें आप याद नहीं करना चाहते,या कोई बुरा अनुभव जिसे आप भूल नहीं पा रहें हैं वो आपको Post traumatic stress disorder (PTSD ) का शिकार बना सकती हैं या कुछ अन्य मानसिक विकार जैसे की फोबिया आदि को जन्म देती हैं। इसीलिए जिन बुरे अनुभवों या लोगों को आप भूल नहीं पा रहें उन्हें माफ़ करना बेहतर होता हैं। क्योंकि जब आप किसी को माफ़ कर देते हैं तो आप उसे आसानी से भूल सकते हैं। आपकी माफ़ी उसके लिए नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए ज्यादा असरदार होती है। जब आप किसी को उसकी गलती के लिए माफ़ कर देते हैं तो आपको अच्छी नींद आती हैं, अवसाद के लक्षण कम हो जाते हैं, इम्यून सिस्टम मजबूत होता हैं, रक्तचाप नियमित हो जाता हैं, मन स्वास्थ्य रहता हैं और कभी कभी उस इंसान से रिश्ते भी ठीक हो जाते हैं।
अगर आपकी लाइफ में कोई बहुत जरुरी व्यक्ति हैं और उससे गलती हुई हैं तो उस इंसान को माफ़ करके उसकी गलती को भूल जाइये,अगर कोई टॉक्सिक व्यक्ति हैं आपकी लाइफ में तो आप उस की गलती को माफ़ करके उस इंसान को भूल जाइये। जिन्दगी में भरे कचरे को निकालने का ये बेहतर तरीका हैं । जिन्दगी में पुराने सामान की तरह कई लोग होते हैं जैसे पुराने सामान से आपका मोह नहीं छूटता हर दिवाली ये कहकर उसे दूसरी जगह रख देते हैं कि अबकी नहीं अगली दीवाली को बाहर निकाल देंगे और फिर भी नहीं निकाल पाते और वो सामान जगह घेरता रहता हैं बस बाकी उसका कोई काम नहीं। उस सामान को निकालने के लिए जितना दिल मजबूत करना पड़ता हैं उतना ही बस जिन्दगी में जगह घेरते व्यक्ति को निकालने के लिए करना पड़ता हैं।
कभी-कभी नाराजगी अपने किसी खास से हो जाती हैं और उसकी बातें दिमाग में 360° पर घूमती रहती हैं लेकिन अपने स्वास्थ्य, अपने रिश्ते और इस त्यौहार को ध्यान में रखते हुए आप उन्हें माफ़ कर दें और इस दिवाली सिर्फ घर ही नहीं दिल भी साफ रखने की कोशिश करें। क्योंकि माँ लक्ष्मी भले घर देख के आती हो लेकिन खुशियां दिल देख के आती हैं अगर आप अपना दिल पुरानी बेकार सी यादों से भरकर रखेंगे तो खुशियों को कैसे बिठा पायेंगे वहाँ? इस दिवाली परिचितों को सिर्फ सोनपापड़ी का डिब्बा ही नहीं दिल दुखाने वाले के लिए माफ़ी भी भेजिए और जिसने आपको माफ़ कर दिया है उसे Thank you का एक प्यारा सा नोट भेज दीजियेगा।
Viry good,happy allvage