अभी तक आपने पढ़ा, सिद्धांत लीना का हाथ मांगने उसके घर जाता है। घर पर उसे कोई नहीं मिलता सिवाय लीना के । दोनों सैर पर निकल जातें हैं इतने में रश्मि फोन करके उसे घर बुलाती है। वहाँ जाकर जब उसे ये पता चलता है कि वो जिस लड़की के साथ इतने दिन से रह रहा था वो लीना नहीं कोई और थी क्योंकि रश्मि की बहन लीना का एक्सीडेंट हो गया था रश्मि को बचाने के चक्कर में ,तबसे लीना व्हीलचेयर पर ही है। तो सिड के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाती हैं। वो बहुत परेशान हो जाता है उसे अंदर ही अंदर डर लगने लगता है।
अगर आपने अभी तक इस स्टोरी के पिछले भाग नहीं पढ़े है तो पहले उन्हें जरूर पढ़ें।
अब आगे-
सिड बाहर आतें ही उसे गार्डन में खोजता है , उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा कि वो जिस लड़की के साथ रहा वो बस उसे ही दिखाई देती है। कार में देखा , चौकीदार से पूछा लेकिन उसे वो लीना नहीं मिली जिसको वो चाहता था। अब तक सिड काफी परेशान हो चुका था उसके माथे से पसीने की मोटी-मोटी बूंदे गिरने लगीं। क्या सच में वो विन्नी ही थी? वो क्या चाहती है मुझसे ? क्या वो मुझसे बदला लेना चाहती है? मैं क्या करुँ? मैं अगर किसी को बताऊंगा भी तो कोई मेरी बात पर यकीन नहीं करेगा सब मुझे पागल समझेंगे। लेकिन ये मेरा पागलपन नहीं हकीकत है कि इतने दिनों मैं मरी हुई विन्नी के साथ रहा ! हो न हो वो मुझे मारने के लिए इतने दिनों से मौका तलाश रही थी तभी वो मुझे उसी जंगल की तरफ ले जा रही थी जहां उसकी मौत…. नहीं नहीं , मैं नहीं …मुझे नहीं मार सकती वो…. मुझसे तो कितना प्यार करती थी , हाँ…मुझे कोई नुकसान नहीं पंहुचाएगी क्योंकि वो आज भी मुझसे उतना ही प्यार करती है जितना पहले।लेकिन मैंने तो उससे उतना ही प्यार नहीं किया न … मुझे तो वो बेवफा ही समझती है ! तो क्यों मुझे जिंदा छोड़ेगी? सिड सवालों के ऐसे दलदल में धंसता चला जा रहा था जिससे बाहर निकालने के लिए उसके पास जवाबों की कोई सीढ़ी नहीं थी।सिड अच्छे से जान चुका था कि विन्नी की रूह उसे नहीं छोड़ेगी। वो बेतहाशा कार स्टार्ट करके अपने घर की तरफ भागता है। उसके जहन में पूरी तरह बस चुका था कि विन्नी उसे नहीं छोड़ेगी। समझ नहीं आ रहा था उसके दिमाग में जो सवाल आ रहें हैं उनकी गति तेज है या उसके सीने की धड़कन या फिर उसकी कार की रफ्तार…!
उसे एक-एक बात याद आ रही थी विन्नी की उसे कभी विन्नी की आवाजें सुनाई देती, कभी उसका रोना, उसकी मुस्कुराहट गूंजती कानों में तो कभी उसका दर्द और एक सवाल भी दिमाग में दौड़ लगता ” मैंने प्यार किया था तुमसे सिड पर तुमने क्या किया?” सिद्धांत के दिमाग की नसें उसे फटती हुई मालूम दे रहीं थीं। उसके दिमाग का शोर इतना बढ़ चुका था और वो इतना डर चुका था कि जल्दी से जल्दी घर पहुँच कर अपने कमरे में छिप जाना चाहता था ।इस लिए उसने तुरन्त कार शॉर्टकट की तरफ मोड़ दी इतना भी नहीं याद रहा उसे कि ये वहीं शॉर्टकट हैं जहां विन्नी ने तड़प-तड़प के दम तोड़ा था। वो बस कार भगाता जा रहा था ,भगाता जा रहा था उसे लग रहा था कि कार ज़रा भी धीमी हुई तो विन्नी की यादें उसपर टूट पड़ेगी। अब तक सिद्धांत ऊपर से नीचे तक पसीने से तर-बतर हो चुका था ऐसा लग रहा था कि बस अभी अभी नहाया हो..! सिड आधा शॉर्टकट पार कर चुका था और अब जाके कहीं उसे अपने सीने में सांस महसूस हुई लेकिन अचानक से ही उसकी नज़र अपने बगल वाली फ्रंट सीट पर गई जिस पर विन्नी अपने बालों के साथ खेल रही थी। सिड ने अचानक ब्रेक लगायी तो गाड़ी तिरछी होकर एक पेड़ से जा टकराई और सिड उछलकर कार के बाहर जा गिरा उसके सर से बेतहाशा खून बहने लगा जैसे लाल फव्वारा....।
उसने आहिस्ते से सर उठाने की कोशिश की उसे सामने एक सड़क दिखी… सड़क पर दिखें चलते हुए एक लड़का और एक लड़की। लड़की लडखडा रही थी और लड़के ने उसे संभाल रखा था , लड़की बार बार साइड में लगी बेंच पर बैठने की ज़िद कर रही थी पर लड़का उसे चलने को बोल रहा था , अचानक से एक तेज रफ्तार कार आती दिखाई दी लड़की ने साइड होने की कोशिश की लेकिन लड़के ने उसे कार के नीचे धक्का दे दिया , कार उसके ऊपर से गुजर गई । खून से लथपथ लड़की ने आहिस्ते से सर उठा कर लड़के की तरफ हाथ फैलाया शायद वो मदद माँग रही थी। लड़का उसके करीब जाकर बैठ गया और माफ़ी मांगने लगा “, विन्नी तुम जैसा प्यार करने वाली किसी को भी मिल जाए न तो वो पूरी दुनिया छोड़ दे , लेकिन तुम जानती हो न मेरा सपना बड़ा आदमी बनने का है ऐसे में मैं कैसे दुनिया छोड़ दूँ? तुम्हारा भी तो यही सपना था, जिसे तुम हकिकत में बदल सकती थी लेकिन तुमने जायदाद ही ठुकरा दी.. मैंने तुमसे किस लिए प्यार किया था इसीलिए न कि मैं बड़ा आदमी बन सकूँ अब तुम शादी की ज़िद करती हो कैसे करुँ शादी ? हमारा सपना नहीं अधूरा रह जाएगा। इसीलिए मैंने ठान लिया है कि मैं तुम्हारा सपना जरूर साकार करूँगा चलो अब तुम आराम करो love you…. bye .उस लड़के ने लड़की के सर पर कोई भारी चीज़ मारी और लड़की की गिनी चुनी सांसें भी वहीं बिखर के रह गई।
सिड की आँखों में काफी खून भर चुका था उसे सब लाल दिख रहा था उसने खुद को घसीटने की कोशिश की इस कोशिश में उसके हाथ में कुछ कठोर चीज़ लगी उसे ध्यान से देखने की कोशिश की तो लगा कि ये हड्डी है, किसकी हड्डी….? हाँ शायद उस लड़की का एक हाथ एक्सीडेंट के बाद इधर ही गिरा था…। सिड चीखा और धड़ाम से उसका सर ज़मीन पर गिर गया शायद अब उसे कुछ होश नहीं था फिर भी उसने अपने सर पर एक छूअन महसूस की हल्का सा देखने की कोशिश की तो पाया विन्नी बैठ के उसका सर सहला रही थी और मुस्कुरा रही थी। दर्द हो रहा है न..! वो फिर मुस्कुराई .. चिंता मत करो मैं हूँ न तुम्हें कुछ नहीं होगा हौले से वो बोली… पता है तुम मरोगे नहीं क्योंकि मैं तुम्हें जिंदा देखना चाहती हूँ बड़ा आदमी तो नहीं, आदमी बनते देखना चाहती हूँ। क्योंकि मैं आज भी तुमसे उतना ही प्यार करती हूँ उतना ही जितना अपनी आखिरी साँस के वक्त किया था । लेकिन मैं तुम्हें माफ़ नहीं कर सकती क्योंकि तुमने रश्मि की भी जिन्दगी बर्बाद करने की कोशिश की है। लेकिन जितनी सजा देनी थी वो मैंने दे दी…। वो खामोश हो अभी भी उसके सर पर हाथ फेर रही थी। पता है आज भी तुम्हारे बाल उतने ही मुलायम और घनेरे है कि आज फिर दिल कर रहा है तुम्हारा सर गोद में रखकर तुम्हें गहरी नींद में सुला दूँ और फिर बगल में खुद सो जाऊं…। लेकिन मैं तुम्हें नहीं सुला सकती पर तुम्हारे बगल में सो जरूर सकती हूँ। विन्नी ने अपना सर बाह पर रख दिया और उसके खून से सने लाल चेहरे को आँखों में आंसू लिए देखती रही ।
उधर…उधर ही हैं जल्दी करो..। कुछ शोर गुंजा और कुछ लोग भागते हुए सिद्धांत के पास पहुंचे और उसे उठाकर चल दिए … सिद्धांत के शरीर में ज्यादा जान नहीं महसूस हो रही थी लेकिन वो फिर भी खुद को खींच रहा था नीचे की ओर ताकि वो लोग उसे छोड़ दे और वो विन्नी को फिर से अपनी बांह पर सुला ले और उसका वो मासूम सा खूबसूरत सा चेहरा देखते हुए ही खुद भी वहीं आँख मुंद ले।सिड देख रहा था कि विन्नी उसे वैसे ही पड़ी देख रही है और कह रही है “,सिड ! न जाओ न आज यार! सिड की आँखों से लगातार आंसू बह रहें हैं और विन्नी उसी तरह पड़ी है, उसे मुस्कुराते हुए देख रही है । एक हवा का तेज झोका आया और विन्नी उसी में कहीं विलीन हो गई। सिड भी स्ट्रेचर पर अचेत हो चुका था।
एक महीने के बाद sid हॉस्पिटल से आया तो लेकिन अपने घर नहीं गया। दिन भर तो पता नहीं कहाँ रहता है लेकिन रात में विन्नी की कब्र के बगल में बांहे फैला कर सो जाता है।
Ye kahani tum likhti ho..😊
Ji ha
Thanks for sharing. I read many of your blog posts, cool, your blog is very good.