“दिल जो हैं आग लगा दूँ”- जॉन एलिया की दर्द भरी गजल।

“दिल जो हैं आग लगा दूँ”- जॉन एलिया की दर्द भरी गजल। दिल जो है आग लगा दूँ उस को  और फिर ख़ुद ही हवा दूँ उस को  जो भी है उस को गँवा बैठा है  मैं भला कैसे गँवा दूँ उस को  तुझ गुमां पर जो इमारत की थी  सोचता हूँ कि मैं ढा … Read more

जॉन एलिया की शायरी “दिल जो दीवाना नहीं।

        जॉन एलिया की शायरी “दिल जो दीवाना नहीं।  दिल जो दीवाना नहीं आख़िर को दीवाना भी था  भूलने पर उस को जब आया तो पहचाना भी था    जानिया किस शौक़ में रिश्ते बिछड़ कर रह गये  काम तो कोई नहीं था पर हमें जाना भी था  अजनबी-सा एक मौसम एक … Read more