बाल दिवस विशेष: सदानंद की छोटी सी दुनिया A psychological story

 मैंने छलांग लगाई और छिकु के बालों को कसकर पकड़ लिया और फिर उसके सिर को झंदु की दीवार से चार-पाँच बार जोरों से टकरा दिया। उसके बाद जब मैंने छिकु को छोड़ा तो वह रोता हुआ अपने घर की तरफ चला गया। मैं जब घर पहुँचा, उसके पहले ही छिकु शिकायत पहुँचा गया था। … Read more

बाल दिवस विशेष: सदानंद की छोटी सी दुनिया A psychological story

 आज मेरा मन खुश है, इसलिए सोचता हूँ, तुम लोगों को राज की बात बता दूँ।जानता हूँ, तुम लोग मेरी बात पर यकीन करोगे। तुम लोग इन लोगों के जैसे नहीं हो । इन लोगों का ख्याल है, मेरी सारी बातें झूठी और बनावटी हैं। यही वजह है, मैं इन लोगों से अब बातचीत ही … Read more

सातवें आसमान पर चल न

 सातवें आसमान पर, चल ना ! चल! सितारों के जाल पर, चल ना ! दिल बिना देवता की कासी है जिस में हर घाट पर उदासी है। कुछ है चटका हुआ सा मुझ में भी तू भी कितने जनम से प्यासी है मेरे अश्कों के ताल पर चल ना सातवें आसमान पर, चल ना ! … Read more

मुझे ईसा बना दिया तुमने

 ये जुबाँ हमसे सी नहीं जाती, ज़िन्दगी है कि जी नहीं जाती। इन फ़सीलों में वो दरारें हैं, जिनमें बसकर नमी नहीं जाती। देखिए उस तरफ़ उजाला है, जिस तरफ़ रोशनी नहीं जाती । शाम कुछ पेड़ गिर गए वरना, बाम तक चाँदनी नहीं जाती। एक आदत-सी बन गई है तू, और आदत कभी नहीं … Read more

Heart touching story of a Grass widow

अकेली ( मन्नू भण्डारी) सोमा बुआ बुढ़िया हैं। सोमा बुआ परित्यक्ता हैं। सोमा बुआ अकेली हैं। सोमा बुआ का जवान बेटा क्या जाता रहा, उनकी अपनी जवानी चली गई।पति को पुत्र वियोग का ऐसा सदमा लगा कि वे पत्नी, घर-बार तजकर तीरथवासी हुए और परिवार में कोई ऐसा सदस्य था नहीं, जो उसके एकाकीपन को दूर … Read more

Son an emotional story of a mother

 कम उम्र में अधिक प्रसिद्धि पाने वाले इस संसार में नाममात्र के दो-चार लेखक ही हुए हैं, उनमे भी “माँ” उपन्यास के लेखक मैक्सिम गोर्की को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया जा सकता हैं।जो ना सिर्फ एक क्रान्तिकारी लेखक थे बल्कि एक युगदृष्टा भी थें। आज के इस ब्लॉग में इसी रशियन लेखक की कहानी लायी गई … Read more

That voice from heart.

 वो आवाज़ मैंने आवाज़ दी तुम ने सुनी नहीं तुम ने आवाज़ भेजी मुझे मिली नहीं दुनिया ने आवाज़ फेंकी मुझ पर गिरी नहीं अब इक आवाज़ ढूँढ़ रहा हूँ ख़ुद में उतर कर जिस में मैं कह दूँ और तुम सुन लो इस एहतियात के साथ कि दुनिया समझे न अन्दर बहुत फिसलन है … Read more

विजेता ” रघुवीर सहाय।

 सौर का कमरा उस गन्ध से भरा हुआ था जो सुलगती हुई अजवाइन और कड़वे तेल के दीये से मिलकर बनती है और वह साफ़ पुराने कपड़ों में लिपटी हुई लेटी थी । वह दरवाजे पर आकर रुक गया, वह वहाँ होगी, उसे जो कुछ हुआ है उसके बाद कैसी और कितनी बदली हुई और … Read more

मजदूरों की जान की कीमत लगता ‘खोटा सिक्का’।

 ‘जी, इन्हें कहाँ रक्खूँ ?’एक सहमी-सी आवाज पर सब घूम पड़े। देखा, एक छोटा लड़का थैली हाथ में लिए भयभीत-सा खड़ा है। ‘क्या है इसमें?’ कड़ककर मि. खन्ना ने पूछा। आवाज़ में ऊँचे पद का गर्व बोल रहा था।                    ‘जी, खोटे सिक्के हैं। वहाँ मेरा बाबा खोटे … Read more

कहानी एक युवती,एक पेंटर और पाँच सेंट की बासी डबलरोटी की

 कुमारी मार्था मीकम कोने वाली एक छोटी सी बेकरी चलाती है। वह, जहा आप तीन सीढ़ियां चढ़कर जाते हैं और द्वार खोलने पर घंटी बजती है।कुमारी मार्था चालीस वर्ष की थी। उसकी बैंक की पासबुक से दो हजार डॉलर जमा का पता लगता था की उसके दो नकली दांत थे और एक सहानुभूति से भरा … Read more