“दारोगाजी”- मुंशी प्रेमचंद की कहानी ।
“दारोगाजी“- मुंशी प्रेमचंद की कहानी । कल शाम को एक जरूरत से तांगे पर बैठा हुआ जा रहा था कि रास्ते में एक और महाशय तांगे पर आ बैठे। तांगेवाला उन्हें बैठाना न चाहता था, पर इनकार भी न कर सकता था। पुलिस के आदमी से झगड़ा कौन … Read more