आप हँसते क्यों नहीं हैं?

हँसी के बिना बीत जाने वाला एक दिन बर्बाद दिन है । – चार्ली चैपलिन



सुना है बहुत व्यस्त रहतें हैं आप ? इतने व्यस्त कि आपको खाना खाने , सोने यहाँ तक की हँसने तक का समय नहीं मिल पा रहा आपको! लेकिन एक बात बताइए कि क्या आप घड़ी से भी ज्यादा व्यस्त रहतें हैं? जो बिना एक सेकंड की भी साँस लिए सारा दिन , सारी रात , सारे हफ्ते , सारे महीने ,सारे साल यहाँ तक की मरने से पहले तक भी आराम नहीं करतीं। लेकिन फिर भी वो दिन में दो बार मुस्कुराने का समय जरूर निकाल लेती है। क्योंकि जानती है हँसने से उम्र बढ़ती हैं इसीलिए इतनी व्यस्तताओं में भी हँसना नहीं भूलती है।

मैंने किसी को हँसी से मरते हुए नहीं देखा , लेकिन मैं ऐसे लाखों लोगों को जानता हूँ जो इसलिए मर रहें हैं क्योंकि वो हँस नहीं रहें हैं। -मदन कटारिया (हास्य दिवस के जनक)        

सुना है, कि बहुत सी तकलीफों ने आपको घेर रखा है । एक मुसीबत से छुटकारा पाते हैं तो दूसरी गले आन पड़ती है। पिछले कुछ महीनों से आर्थिक समस्या भी मुँह उठा के खड़ी हो गई है। कोरोना ने काफी कुछ झेला दिया है, किसी अपने के जाने से होठों पर हँसी ही नहीं बची। कभी-कभी जी करता है की जान ही दे दूँ । लेकिन ज़रा ये तस्वीर देखिये ….

न तन पर सही से कपड़े , न खाने को तरह-तरह के खाने , न मन बहलाने को वीडिओ गेम। इनकी हँसी के जस्ट पीछे भूख खड़ी है, लाचारी , बीमारी खडी़ है, जो मेले में 10 रूपए का खिलौना देखा था , लेकिन ले नहीं पाये पैसे की वजह से वो खड़ा है , किताबें खडी है जो बस दूर से देखी है कभी छूने को नही मिलीं, वो भाई और बहन खड़े हैं जो इलाज के आभाव में मर गए । फिर भी ये बच्चे कितने बेशर्म है जो इन सभी परेशानियों के सामने खड़े है । आप लोगों की तरह शर्म वाले , समझदार होतें परेशानी में हँसते थोड़े , इंसानियत का फ़र्ज़ निभाते हुए परेशानी के साथ परेशान होतें।

पता है ये अभावों में जीने वाले लोग चाहे अपना सबकुछ दे दें फिर भी खींसे निपोरना बंद नहीं करते हैं।

जिन्दगी तब तक जीने लायक है जब तक उसमें हँसी रहेगी। -लूसी मोड मोंटागोमरी ।

सुना है काफी शर्म आती है आपको दूसरे के सामने खिलखिलाते हुए , आपको डर रहता है कि इससे आपको समाज में असभ्य समझा जा सकता हैं। फिर कोई मौका हो ऐसा तो चलो चलता भी है बिना माहौल के हँसने में भला कोई मज़ा है ? वैसे भी अगर आपका बस चलें तो घर आए मेहमान के सामने भी न हँसे लेकिन सदाचार भी तो कोई चीज़ होतीं हैं। ऑफिस में तो हँसना आपने अपने आपको सख्त मना कर रखा है। पड़ोस के घर के सामने से जाते हुए जब उनकी बच्ची आपको हाथ दिखाती है तो बस आप हलकी सी स्माइल पास करतें हो तेज़ नहीं हँसते वरना वो बुला भी सकती है तो आपको उसे चॉकलेट देनी पड़ सकती है।

हँसो तो दुनिया तुम्हारे साथ हँसेगी, मत हँसो तो दुनिया तुम पर हँसेगी । – फकीर ईश्वरदास 

उफ़ कितना सोचते है हँसने से पहले आप? आप से तो अच्छे जानवर है इस मामले में , बिना कुछ भी सोचे समझे और अधिकतर तो बेचारे दूसरे के मनोरंजन के लिए ही हँसते हैं।

फिर आप क्यों हँसने से पहले इतना सोचते हो? अरे इंसान हो कि थिंक टैंक !

भगवान एक हास्य अभिनेता है जो दर्शकों के हँसने से बहुत डरता है। – वाल्टेयर 

हँसने से शरीर का दर्द कम होता है , जब हम हँसते है तो कॉर्टिसोल , एपिनेफ्रिन आदि तनाव वाले हार्मोन्स को कम करता हैं। हँसी की वजह से शरीर में ऑक्सिजन पर्याप्त मात्रा में सप्लाई होता है। मासपेशियां, फेफड़े , हृदय आदि उत्तेजित हो जातें हैं। 10-15 मिनट हँसने मात्र से 40 कैलोरी बर्न हो जाती है।

हँसी एक दवा की तरह है। -हियान अब्बास 

तो क्यों नहीं हँसते आप ? एक बार हँस कर तो देखिये सारी दुनिया आपको साथ में ही हँसती नज़र आएगी ।

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