थोड़ी-सी सच्चाई part-3

 पिछले भाग में आपने पढ़ा कि प्रणय को शाम को टहलते वक्त फिर उसी अनजान लड़की की आवाज़ सुनाई देती है लेकिन वो रुकता नहीं क्योंकि गौरी ने कहा था उस लड़की पर ध्यान मत देना वो अपने आप तुम्हारे मस्तिष्क से मिट जाएगी।लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ वो प्रणय के सामने आकर खड़ी हो गई थी। इसपर वो काफी गुस्सा हो गया और उसे मिटा देने की धमकी दी। लेकिन लड़की फिर भी बस एक बार उसकी बात सुन लेने की ज़िद पर अड़ी रही। जब प्रणय ने उसकी न सुनी तो वह वहीं सिसक-सिसक के रोने लगी और प्रणय उसे रोता हुआ ही छोड़ के घर की तरफ भागा । अब आगे –

👉थोड़ी-सी सच्चाई part-1

👉थोड़ी-सी सच्चाई part-2

प्रणय उस लड़की को छोड़कर चला तो आया था लेकिन उसका मन अब भी उसकी के पास था। उसकी सिसकियाँ अब भी उसके दिमाग की दीवारों को फाडे दे रहीं थीं, ठीक वैसे ही जैसे पद्मिनियों के शोर से पूरा चित्तौड़ का किला गूंज उठा था। वो अपने सबसे प्यारे बालों को हाथ से पकड़- पकड़ के नोचने लगा। अगर वो गौरी को ये सब बताए तो क्या वो कोई सलाह देगी ? नहीं..नहीं वो कल की बजाय मुझे आज ही हॉस्पिटल में उठा के रख देगी। तो फिर मुझे और क्या करना चाहिए? मैं कुछ कर पाऊं या नहीं लेकिन उससे एक बार बात तो कर ही सकता हूँ न!…हाँ मुझे उससे एक बार बात तो करनी ही चाहिए क्या पता वो सही बोल रही हो! लेकिन मेरा सवाल तो जस का तस ही है कि मैं ही क्यों….? कहीं कोई मेरे से मजाक तो नहीं कर रहा है? मजाक ही सही मुझे उसकी बात एक बार सुननी तो चाहिए अगर मजाक कर रही होगी तो उसका दिल हल्का हो जाएगा अगर नहीं कर रही होगी तो मेरा……

प्रणय अगली सुबह उन सारी जगहों पर उसे ढूढने लगा जहां वो लड़की इन 5-7 दिनों में मिली थी लेकिन वो उसे कहीं नहीं दिखी। थक-हार कर वो एक तालाब के किनारे खड़े हो पत्थर चलाने लगा। 

आप क्यों ढूंढ रहें हैं मुझे अब , जब मेरी मदद नहीं करनी आपको तो। पीछे से एक स्वर सुनाई दिया । प्रणय ने मुड़कर देखा तो वही लड़की थी। उसे देखकर प्रणय के चेहरे पर एक राहत की लकीर दिखाई दी। 

नहीं..वो ..मैं तुम्हें …. दरअसल..क्या जो तुमने कहा वो सच है? प्रणय ने उससे थोड़ा घबराहट में ही सही लेकिन सीधा सवाल पूछ ही लिया।

एक आप ही मेरी मदद कर सकते हैं ऐसे में मैं आपसे झूठ बोलकर क्या पा जाऊंगी, वो भी तक जब मेरे पास ज्यादा समय नहीं है।

तो मतलब तुम मर चुकी हो ?

कितनी बार बताऊँ हाँ। 

तो तुम मेरे पास आने के बजाय किसी और के….

क्योंकि आप के पास जो पावर है वो किसी और के पास नहीं क्योंकि आप मरे हुए इंसानो को देख सकतें हैं लेकिन कोई और नहीं। और अगर आप हम मरे हुए लोगो को देख सकतें हैं तो हमारी मदद भी कर सकते हैं।

तो तुम मुझसे मदद लेने आयी हो ताकि मैं तुम्हें तुम्हारे मंगेतर से मिलवा सकूँ?

अब उससे तो गॉड भी नहीं मिलवा सकता मैं बस इतना चाहती हूँ कि आप उसे समझाए कि वो अपनी लाइफ वेस्ट न करें , मुझे ढूंढना बंद कर दे क्योंकि अब मैं…..? अचानक से वो लड़की फिर सिसक उठी।

क्या उसको नहीं पता है कि तुम…? 

नहीं उसे कुछ नहीं मालूम।

अच्छा क्या तुम मुझे बताओगी कि तुम्हारी मौत कैसे…? 

 मेरे पास इतना टाइम नहीं है की मैं आपको एक-एक बात बता पाऊँ आप बस पहले एडी से मिलकर उसतक मेरी बात पहुँचा दे।

अच्छा ठीक है मैं पहले यही करता हूँ,वैसे…तुम्हारा नाम क्या है?

क्रिस्टिन फर्नांडिज।

प्रणय उससे इतने ध्यान से बात कर रहा था कि उसे ज़रा भी नहीं पता चला की पार्क में आए कई लोग उसे काफी देर से घूर रहें थें। कुछ उसका video बना रहें थें तो कुछ उस पर हँस रहें थें। जब तक उसे इस बात का अहसास हुआ तब तक वहाँ काफी भीड़ इकट्ठी हो चुकी थी।

अब आगे क्या होगा प्रणय के साथ? क्या वो क्रिस्टीन की मदद करने गोवा जाएगा? जब गौरी को पता चलेगा तो वो क्या करेगी ? इस तरह के कई सवालों के जवाब मिलेंगे आप लोगों को लेकिन अगले  भाग में।




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