थोड़ी-सी सच्चाई part -5

 अभी तक आप लोगों ने पढ़ा कि प्रणय गोवा जाने का decide कर लेता है ।लेकिन गौरी और महिमा चाहती हैं कि वो पहले क्लीनिक जाकर अपना चेक अप कराए क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि प्रणय पहले से ज्यादा बीमार है । गौरी प्रणय को समझाने की कोशिश भी करती है इसपर प्रणय कहता है कि उसके पास ज्यादा टाइम नहीं है वो वापस आकर डॉ से मिलेगा। महिमा को समझाने की बात पर गौरी उसे खुद ही बात करने को कहती है।

👉 थोड़ी-सी सच्चाई part-1 

👉थोड़ी-सी सच्चाई part-2

👉थोड़ी-सी सच्चाई part-3

👉थोड़ी-सी सच्चाई part-4

अब आगे –

तुम सच में पागल हो गए हो क्या? न किसी से कोई जान न पहचान और वहाँ जाने की सोच ली तुमने वो भी अपनी एक झूठी हकीकत के लिए । माही प्रणय की गोवा जाने की बात पर बहुत ज्यादा भड़क गई।

प्लीज यार तुम तो समझो , माँ को नहीं बताया , पापा को नहीं बताया ,लेकिन तुम्हें बताया क्योंकि मुझे लगा कि तुम मुझे समझोगी मेरे दिमाग में जो सोते-जागते उथल-पुथल मची रहती है उसे समझोगी, तुम तो न करो ऐसा।

प्रणय यहाँ बात सिर्फ तुम्हें समझने की नहीं हो रही है हमारे रिश्ते को सँभालने की भी हो रही है।

यहाँ हमारा रिश्ता कैसे आ गया माही?हम दोनों का रिश्ता अलग है और किसी की मदद करना अलग है।

तुमसे जुड़ी कोई भी चीज़ मेरे लिए अलग नहीं है प्रणय , जैसे तुम मेरे हो वैसे ही तुम्हारी हर चीज़ मेरी है। अगर तुम अपनी इस बीमारी पर काबू नहीं पाओगे तो इसका असर हमारे रिश्ते पर भी तो होगा न। और तुम जानते हो कि मैंने पापा से झूठ बोला है कि तुम ठीक हो रहें हो ऐसे में उन्हें पता चला कि तुम फिर किसी…..

मैं ठीक हो नहीं रहा , ठीक हूँ भी यार , तुम यकीन करो मेरा अच्छा चलो मेरा नहीं तो गौरी का तो यकीन करोगी? प्रणय ने बहुत प्यार से माही के बालों पर हाथ फेरते हुए कहा।

उससे क्या पूछ लूँ वो तो वहीं कहेगी न जो तुमने कहा है । 

कमाल करती हो यार , आज तक कभी देखा है उसे मेरी कोई बात मानते मैं जो कहता हूँ हमेशा उसके उल्टा ही करती है वो लड़की। और तुमसे मुझे डांट खिलाने के लिए तो और ज्यादा बुरा-भला कहती है तुम्हारे सामने।

डांट खिलाने के लिए कि मुझे जलाने के लिए। 

वो तुम्हें किस बात पर जलायेगी ? वो हैरान रह गया बिलकुल।

तुम तो जैसे कुछ जानते ही नहीं हो ना। महिमा ने एक टेढी सी हँसी हँस दी।

तुम कभी कोई बात साफ नहीं कह सकती हो क्या?

इसमें क्या साफ कहना इतनी बार कहा तो है गौरी से कम मिला करो , ज्यादा घूमो मत उसके साथ बाहर लोग बातें बनातें हैं लेकिन तुम मेरी कभी सुनते ही कहां हो। बाहर जो भी देखता है उसे ही तुम्हारी गर्लफ्रेंड समझता है मुझे तो कोई …

ओह ! तो ये बात है…! वैसे माही जी आप क्या सोचती हैं हम दोनों के बारे में?प्रणय हाथ क्रॉस करके उसकी तरफ देखने लगा।

मैं इस दुनिया से अलग तो हूँ नहीं , और न ही जो लोगों को दिखता है उससे अलग मुझे कुछ दिखता हो । कुलमिलाकर तो ये कि बिना चिंगारी आग नहीं लगती प्रणय। 

oh! thank you ,मुझे तुम्हारी इतनी कीमती सोच का अन्दाज़ा पहले ही लग जाना चाहिए था।खैर तब नहीं तो अब सही।

देखो प्रणय मुझे गलत मत सोचो मैं तुम्हारे भले के लिए ही कह रहीं हूँ ,महिमा प्रणय के कंधे पर हाथ रख देती है। देखो तुम्हें गोवा जाना था जाओ मैं नहीं रोकूंगी , लेकिन उसके लिए तुम्हें वादा करना होगा कि तुम गौरी से अपना रिश्ता सिमित रखोगे। 

जानती हो माही, मुझे तीन चीजों से बहुत प्यार है, history , hair , and you…! पर ये भी सच है कि प्यार चाहे जितना भी करता हूँ तुमसे ,लेकिन इज्ज़त उसकी ज्यादा करता हूँ, और अभी जो तुमने ये किया ये उसकी इज्ज़त पर ठेस पहुंचाना ही हुआ और इसके लिए मैं तुम्हें माफ़ नहीं करने वाला। प्रणय ने उसका हाथ अपने कांधे से झटक दिया। रही बात गोवा जाने की तो मैं जाऊंगा ही क्योंकि वहाँ मुझे कोई बुला रहा है , और हाँ मुझे वो मरे हुए लोग बीमार नहीं बनाते जितने की तुम लोगों की सोच बनाती है।मैं बस यहाँ गौरी के कहने पर तुमसे मिलने आया था । लेकिन अच्छा हुआ आ गया तो कम से कम तुम्हारी सोच ही पता चल गई। इतना कहकर प्रणय जाने को खड़ा हो गया।

तुम्हें पता भी है तुम क्या बोल रहे हो?

हाँ काफी अच्छे से ।

प्रणय मैं तुमसे प्यार करती हूँ मेरा हक़ बनता है तुम पर । 

तभी तो कुछ बोल नहीं पाया वरना तुम्हें मालूम होगा गौरी को जिसने भी कुछ गलत समझा है मैंने उसे कुछ भी समझने लायक नहीं छोड़ा। 

तो मतलब तुम मुझे गौरी के लिए छोड़ रहें हो ?

नहीं, मैं तुम्हें अपनी self respect के लिए, अपनी दोस्ती के लिए छोड़ रहा हूँ।

पूरा कॉलेज जानता है कि तुम बीमार हो, तुम्हारा दिमाग सही से नहींचलता।, फिर भी मैंने तुमको चुना। सबने मना किया पापा नाराज हुए ,दोस्त चिढाने लगें फिर भी मैंने तुमको चुना। तुमने कभी मेरी परवाह नहीं की , हमेशा गौरी की ही बात मानी फिर भी मैंने तुम्हें चुना। और इतना सब इसलिए कि तुम मुझसे ये कहो कि मैं तुम्हें छोड़ रहा हूँ! क्योंकि मैंने सच कह दिया न बाकी लोगों की तरह। 

नहीं क्योंकि तुमने ये साबित कर दिया कि तुम्हारी सोच भी इतना पढ़-लिख लेने के बाद भी बाकी लोगों के जैसी पुरानी और दकियानूसी है। तुम भी एक लड़के और एक लड़की की दोस्ती को गलत ही समझ बैठी, इसीलिए छोड़ रहा हूँ तुम्हें। और तुमने जो कहा न की तुमने मुझमें इतनी कमियां होने के बावजूद मुझसे प्यार किया तो मैंने तो नहीं कहा था तुमसे प्यार करने के लिए। फिर भी किया तो ये अहसान रहेगा मुझपर। प्रणय ने अपने दोनों हाथ जोड़ लिए और पलटकर चुपचाप भरी आँखों से बाहर की तरफ बढ़ गया। महिमा पीछे से उससे कुछ कहती रही पर उसे साफ सुनाई नहीं दिया। कुछ-कुछ शब्द ही सुनाई दिए.. ये बिल्कु..कि तुम पा..गल …हो, घर वाले कब तक……दुनि…..आ से छुपाएंगे,… सब जानते ह्….. प्रणय को इससे ज्यादा कुछ नहीं सुनाई दिया क्योंकि वो उससे दूर आ चुका था ,और उसे तरह-तरह की आवाजें भी सुनाई देने लगी थीं और उसका सर घूमने लगा था।

प्रणय जैसे-तैसे कर के अपने एक दोस्त को कॉल करता है और अपनी location भेजता है। इसके बाद उसकी आँखों के सामने अँधेरा छा जाता हैं और उसे सबकुछ सुनाई देना बंद हो जाता है। अगले ही पल प्रणय ज़मीन पर था।

अब आगे क्या होगा प्रणय का? क्या वो सच में पागल है? महिमा अपनी गलती मानेगी या नहीं ? ऐसे ही कई सवाल मन में उठ रहें होंगे । जिनके समाधान के लिए आपको अगले भाग का इंतजार करना पड़ेगा। आगे कहानी का रुख क्या होगा ये देखना काफी मजेदार रहेगा।

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