क्यों मार देतीं हैं माँएं अपने ही बच्चों को? क्या विवाहेतर सम्बन्ध ही कारण है या कुछ अन्य भी कारण हैं …?

 इसलिए ना चल सका कोई खंजर मुझपर…                       मेरी शह-रग पे मेरी माँ की दुआ रखी थी।     – नजीर बाकरी 

माँ..! एक शब्द नहीं अहसास है ऐसा अहसास जिसकी अनुभूति दुनिया के बड़े से बड़े सुखों से नहीं की जा सकती है। भारतीय धर्मग्रंथों ने , वेदों , उपनिषदों ने माँ को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया है।दुनिया भर की परेशानियां माँ के गोद में सर रखते ही छू-मंतर हो जातीं हैं। माँ के वक्षस्थल से लगकर बच्चा खुद को दुनिया में सबसे सुरक्षित पाता है। लेकिन तब क्या हो जब जन्म देने वाली, आपको दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करने वाली , आपकी सुरक्षा करने वाली ही आपकी जान ले ले ? 


यहाँ मैं आपको कुछ ऐसे ही केस बताऊंगी और उनके घटित होने के कुछ कारणों की पड़ताल करुँगी।

case-1 9 दिसंबर 2021 को केरल में एक महिला ने अपने 27 दिन के शिशु को दीवार से सर टकरा कर मार डाला क्योंकि वो बच्चे के रोने से बहुत परेशान होती थी। बच्चे का जन्म समय से पहले होने की वजह से वह अक्सर बीमार रहता था और रोता रहता था। जिससे परेशान होकर 22 वर्षीय माँ ने उसको दीवार पे पटक दिया, बच्चे को अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स उसे नहीं बचा सके। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया था और पूछताछ में पता चला महिला मानसिक रूप से परेशान थी।

case-2 22 मार्च 2022 दिल्ली में एक महिला ने अपनी 2 महीने की बेटी को मारकर माइक्रोवेव में छिपा कर रख दिया और पुलिस को बच्ची के गायब होने की रिपोर्ट की। घर में महिला और उसके 3 वर्षीय बेटे के सिवा कोई अन्य ना होने पर सारा शक महिला पर गया। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तब उसने जुर्म कबूल किया। पुलिस ने यह भी पाया की महिला का मानसिक स्वास्थ्य ज्यादा ठीक नहीं था।

case-3 31 मई 2022 को महाराष्ट्र के रायगढ़ के एक गाँव में एक महिला ने एक-एक करके अपने 6 बच्चों को कुएँ में फेंक दिया। सभी बच्चों की उम्र 10 साल के नीचे ही थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर एक भी बच्चे को नहीं बचा पाये, सुप्रिया और रौशनी नाम की बड़ी बेटियों की मौत भी दूसरे अस्पताल में हो गई थी। पूछताछ में पता चला की महिला अपने पति से झगड़ा करके आई थी।

case-4 4 अगस्त 2022 को कर्नाटक के बेंगलुरु में 34 वर्षीय डेंटिस्ट ने अपनी 4 साल की बेटी को बिल्डिंग से नीचे फेक दिया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जांच में पता चला कि बच्ची दिमागी रूप से बीमार थी और बोल नहीं पाती थी। जिससे परेशान उसकी माँ ने उसे अपार्टमेंट के नीचे फेक दिया। शादी के 6 सालों बाद IVF के जरिये माँ बनी महिला डॉक्टर ने एक बीमार बच्ची को पालने के बजाय उसे मरना उचित समझा।

case-5 5 अगस्त 2022 को राजस्थान के अजमेर में एक महिला अपने चार बच्चों समेत कुएं में कूद गई। आसपास के लोगों ने महिला को तो बचा लिया लेकिन उसके चारों बच्चों की मौत हो गई उन्हें नहीं बचाया जा सका। बताया जाता है महिला ने यह कदम परिवारिक कलह के चलते उठाया है।

case-6 15 अगस्त 2022 को जब सारा देश आजादी की खुशियाँ मना रहा था तब एक माँ ने अपने बच्चों को जिन्दगी से आजाद करने की साजिश रच डाली। गाजीपुर के पट्टी गाँव में सुनीता नाम की महिला ने अपने तीन बच्चों को चाय में सल्फास ज़हर मिलाकर उन्हें अपनी आँखों के सामने बिठा कर पिलाया और उन्हें अपनी आँखों के सामने तड़पता देखती रही। परिवार के अन्य सदस्य बच्चों को अस्पताल लेकर गए लेकिन फिर भी नहीं बचा सके। इस अपराध पर माँ को कोई पछ्तावा नहीं है बल्कि गुस्सा ही है अपने पति पर की जब पाल नहीं सकते थे तो पैदा क्यों किया? महिला का चौथा बच्चा पड़ोस के घर में था , जिससे उसकी जान बच गई। बताया जाता है महिला ने बच्चों के कपड़ो के लिए पति से 5 हजार रुपये मांगे थे जो उसके पास नहीं थे और बच्चे बार-बार कपड़ो के लिए ज़िद किये जा रहें थें जिससे दुःखी हो महिला ने यह कदम उठाया।

ये सारे केस लगभग 10 महीने के अंदर घटित हुए चर्चित केस हैं हालांकि इनकी संख्या ज्यादा थी लेकिन यहाँ मैंने सिर्फ कुछ ही केस चुने। क्योंकि कुछ केस बहुत विभत्स थें जिसमें किसी माँ ने अपने बच्चों के हाथ-पैर बाँध कर उन्हें आग लगा थी फिर खुद को लगा ली, किसी माँ ने अपने डेढ़ साल के बच्चे को चट्टान से बार-बार टकरा कर मारने के बाद उसे समुन्द्र में बहा दिया तो किसी केस में माँ ने अपने तुरंत जन्में बच्चे को पानी की बाल्टी में डुबो कर मार डाला। ऐसे ही तमाम केस जिनका मैं विस्तृत वर्णन नहीं करना चाहुंगी। वैसे भी आज के ब्लॉग का मकसद ऐसे केस डिस्कस करना नहीं बल्कि इन केस के पीछे होने वाली वजहें पता करना है। जो कि इस प्रकार हैं –

मानसिक कारण – India में हर साल लगभग 10 लाख महिलाएं postpartum depression (प्रसवोत्तर अवसाद) का शिकार हो जाती हैं। इससे उनके और बच्चे के सम्बन्ध पर असर पड़ता हैं। कभी-कभी यह इतना घातक हो जाता है कि माँ या खुद को खत्म कर लेती है या बच्चे को। इसके अलावा भी कुछ अन्य कारण हैं जो महिला को तनाव में डाल देतें हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियां,पति से खराब रिश्ते , ताने , बीमारी आदि कारण भी महिला को मानसिक रोगी बना सकते है जिससे महिला उचित-अनुचित का फर्क भूल कर कोई भी अपराध कर सकती है। उस वक्त उसे ज़रा भी ज्ञात नहीं रहता की सामने उसकी अपनी खुद की संतान जिसे उसने 9 महीने पेट में रखा, पाला-पोसा वह हैं। ऐसे रोगियों के पास भले ही सबकुछ हो लेकिन मानसिक शांति नहीं मिलती। यह एक सबसे बड़ा कारण हैं किसी माँ को खूनी बनाने का। केस no. 1 व 2 इस बात की बानगी हैं।

आर्थिक कारण- यह दूसरा बड़ा कारण है बच्चे की हत्या करने का। जब खाने वालों के मुँह 8 हो और कमाने वाले के हाथ केवल दो तो ऐसी स्थिति में पारिवारिक माहौल भी खराब होता है और महिला के दिमाग पर भी असर पड़ता हैं। कभी खुद की कभी बच्चों की इच्छाएं मारते-मारते पता ही नहीं चलता बच्चों को मारने का ख्याल कब आ जाता है। महिलाओं को ऐसी जिन्दगी बोझ लगने लगती है, रोज़-रोज़ रूपए पैसे के विवाद होने लगते हैं घर में , जिससे महिलाओं की जीने की इच्छा समाप्त हो जाती है और वे खुद को खत्म कर लेना चाहती हैं साथ ही साथ बच्चों को भी मारने का इंतजाम कर लेती हैं। केस no.3,5,6 इसकी बानगी है।

विवाहेतर सम्बन्ध – यह तीसरा प्रमुख कारण है। कभी-कभी महिलाएं अपने प्रेमी के साथ रहने के लिए पति से हुई संतान को मार देतीं हैं या बच्चे द्वारा प्रेमी के साथ उन्हें देख लेने पर भी उसकी हत्या कर देतीं हैं ताकि उनके राज ना खुल जाएं। कभी-कभी महिला यह कदम पति की बेवफाई से आहात होकर भी उठा सकती है। अपने पति के साथ किसी अन्य महिला के सम्बन्ध देख इस कदर आहात हो सकती है कि पति से जुड़ी सारी निशानियां मिटा देना चाहती है यहाँ तक के बच्चे भी। 

सामाजिक कारण- यह कारण न्यूनतम है। ऐसी माँएं जिनकी संतान में कोई बीमारी हो जैसे autism , चलने में दिक्कत , बोल पाने में दिक्कत , शरीर में कोई विकृति ( आड़ा-टेढ़ा होना। ) आदि तो महिलाओं के मस्तिष्क में बच्चे को मार डालने का ख्याल आ सकता है। क्योंकि उन्हें हमेशा फ़िक्र लगी रहती है कि अगर उनकी संतान बड़ी हुई तो समाज में कैसे जी पाएगी? वो कब तक उसका सहारा बनेंगी? बच्चा जब समाज में निकलेगा तो सब उसके मजाक बनाएंगे तब क्या होगा ? कल को अगर गलत हाथों में पड़ गया तो ? या , इस बच्चे के साथ मैं कैसे रह पाऊँगी ? एक बीमार बच्चे को देखकर सभी मेरा मजाक उड़ा सकते हैं? केस no.4 इसी का उदाहरण है।इसके अलावा अगर महिला को घर में दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता हो, घर में उसकी या उसके बच्चों की इज्ज़त ना हो जैसे कारण भी एक माँ को अपराधी बना देतें हैं। जिससे जन्म देने वाली ही जान लेने पर तूल जाती है।

ये कुछ कारण है किसी महिला को अपने शरीर के हिस्से से बने अपने जिगर के टुकड़े को मार देने को बाध्य कर देतें हैं। हालांकि सारी माँएं इतनी कमज़ोर नहीं हो जातीं हैं हालातों के आगे। ये समझ लीजिये 100% में से 1-2% माँएं ही हालातों के आगे हार मान लेती हैं।

2 thoughts on “क्यों मार देतीं हैं माँएं अपने ही बच्चों को? क्या विवाहेतर सम्बन्ध ही कारण है या कुछ अन्य भी कारण हैं …?”

  1. there are many also reason, aaj aise issue par samaj ko jagrook karne ki jarurat hai nice article.where from you

    Reply

Leave a Comment