Love is Love,not Jihad.

 श्रद्धा वॉकर मर्डर केस के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडिओ खूब वायरल हुआ था जिसमें एक महिला रिपोर्टर एक महानुभाव से पूछती हैं कि “आप को क्या लगता हैं हिन्दू लड़की को मुस्लिम लड़के से प्यार….” इससे पहले सवाल भी पूरा हो जाता वो धर्मप्रिय सज्जन जोरों-जोरों से “नहीं होना चाहिए, नहीं होना चाहिए , नहीं होना चाहिए….।” चिल्लाने लगते हैं जैसे उन्हें कोई इलेक्ट्रिक शॉक लगा दिया गया हो। उसके बाद एक दो और वैसे ही वीडिओ सोशल मीडिया पर चलें जिनका सारांश बस इतना ही था कि हिन्दू लड़कियां जो मुस्लिम लड़कों से विवाह करती हैं वो बेवकूफ होती हैं, राष्ट्रद्रोही होती हैं, हिन्दू धर्म को नीचा गिराती हैं वो कलंक हैं हिन्दू संस्कृति पर या नादान, भोली-भाली जिसे बहकावे में लिया गया हैं। इन सब में हिन्दू लड़कियों का दिल, उनके हार्मोन्स और Theories of Attraction सब को छुट्टी पर भेज दिया जाता है और लड़कियों को धर्मदूत बनाने की कोशिश की जाती है। इन सब को दरकिनार कर कोई लड़की फिर भी मुस्लिम लड़के से प्यार या शादी करती है तो सीधा लव जिहाद का मामला बना दिया जाता है।

 इसका बेहतरीन उदाहरण अभी हाल ही में देखने को मिला जब एक इंडो-मुस्लिम कपल को अपनी शादी का रिसेप्शन कैंसिल करना पड़ा। महाराष्ट्र के वसई में 29 वर्षीय महिला अपने 32 वर्षीय पति के साथ रिसेप्शन की तैयारियों में लगी थी लेकिन अचानक ही उनका वेडिंग कार्ड इन्टरनेट पर वायरल हो गया और लोग इसके खिलाफ टिप्पणी करने लगे। जिसके बाद उनके परिवार वालों को रिसेप्शन कैंसल करना पड़ा। ऐसा सिर्फ एक ही केस में नहीं हुआ बल्कि यूपी के एक कपल ने तो अपनी शादी भी टाल दी क्योंकि लड़की हिन्दू थी और लड़का मुस्लिम। श्रद्धा हत्याकांड के बाद तो हिन्दू युवाओं के खून में ऐसा उबाल आया हैं कि एक भाई के लिए उसका रिश्ता ही ठंडा पड़ गया और उसने अपनी बहन की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उसने मुस्लिम लड़के से शादी की थी। कुलमिलाकर अगर हिन्दू लड़की ने हिन्दू लड़के से शादी की है तब तो वो ठीक है अगर उसने किसी मुस्लिम से शादी की तब वो अपने ही परिवार के लिए बुरी बन जाती है।लेकिन इस लव जिहाद से परे भी कुछ अमर प्रेम कहानियाँ हुई हैं जिन्होने ये धारणा गलत की कि मुस्लिम लड़के एक हिन्दू लड़की के अच्छे हमसफर नहीं हो सकते। हमारे देश की आयरन लेडी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी जी ने फिरोज गाँधी से शादी की थी जो कि पारसी-मुस्लिम समुदाय से आते थें और इनका पूरा नाम फिरोज जहांगीर खान था जिसे बदलकर गाँधी जी ने अपना सरनेम इनको दिया था।  बॉलीवुड की डिंपल गर्ल शर्मिला टैगोर जो कि बंगाली हिन्दू परिवार से आतीं हैं उन्होंने भारतीय टीम के कप्तान रह चुके नवाब पटौदी मंसूर अली खान से 1968 में शादी की थी । इन दोनों का साथ 2011 में नवाब पटौदी की मृत्यु के साथ टूटा। 

 मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना सुब्बालक्ष्मी ने 1976 में मशहूर सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान से विवाह किया था इनके दो पुत्र अमन और अयान भी सरोद वादक हैं। भाजपा के दिग्गज ब्राम्हण नेता सुब्रमण्यम स्वामी की बेटी और मशहूर रिपोर्टर सुहासिनी हैदर ने भी एक मुस्लिम नेता नदीम हैदर से शादी की हैं। भाजपा के ही एक अन्य नेता शाहनवाज हुसैन ने 1994 में एक हिन्दू टीचर रेनू शर्मा से 9 साल तक इंतजार करने के बाद शादी की थी। bollywood के रोमांस किंग कहे जाने वाले शाहरूख खान ने एक हिन्दू लड़की गौरी छिब्बर से 1991 में शादी की थी और आज इनके तीन बच्चें आर्यन खान , सुहाना खान और अबराम खान हैं।                               ऐसे ही बहुत सारे लव बर्ड्स हैं जिन्होंने अंतरधार्मिक विवाह किया और जिसका लव जिहाद से कोई कनेक्शन बिलकुल भी नहीं हैं। सिर्फ प्यार से उन्हें मतलब हैं वो प्यार उन्हें हिन्दू लड़के से मिल रहा हो या मुस्लिम लड़के से ,क्योंकि प्यार जाति-धर्म देखकर नहीं दिल देख कर किया जाता हैं। हमारे आसपास ही हम ऐसे दम्पति देख सकते हैं जिनमें दोनों ही अलग-अलग धर्मों के होंगे क्योंकि अंतर्जातीय प्यार सिर्फ बड़ी-बड़ी हस्तियों तक ही सिमित नहीं हैं। हाँ बस इस प्यार में फर्क इतना सा ही हैं कि बड़े लोग करें तो फैशन और आम लोग करें तो लव जिहाद।     

  👉 लव आजकल।                                                      👉 Love knows no Gender।                  👉 लड़कियां पहले Propose क्यों नहीं करती।                      

 ये सच हैं कि हर रिश्ता अच्छा परिणाम नहीं देता हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हर रिश्ता खराब ही होता हैं। अगर लड़की का जीवनसाथी सही ना हो तो चाहे हिन्दू लड़का हो या मुस्लिम उसे प्रताड़ित करता ही हैं।( अगर लड़की मजबूत ना हो तो)। क्योंकि जिस तरह प्यार का कोई धर्म नहीं होता उसी तरह घरेलु हिंसा,मारपीट, तानों का भी किसी धर्म विशेष से कोई सम्बन्ध नहीं हैं। ऐसा बिलकुल नहीं है कि हिन्दू पति होगा तो कम मारपीट करेगा मुसलिम पति होगा तो अधिक मारपीट करेगा। हमारे भारतीय समाज में कई आदर्श हिन्दू घरों के भीतर महिलाओं के साथ घरेलू हिस्सा होती हैं और ये हिंसा वही इंसान कर रहा होता है जिसे माँ बाप भरोसा करके अपनी बेटी सौपते हैं और वो अग्नि को साक्षी मानकर उसकी रक्षा का वचन लेता है।लेकिन फिर भी हमारे देश की विडम्बना देखिये कि एक हिन्दू पति अपनी पत्नी को गोली मारकर उसके टुकड़े करके तंदूर में भूज देता हैं जो एक वीभत्स घटना और अक्षमनीय अपराध माना जाता हैं लेकिन एक मुस्लिम प्रेमी अपनी हिन्दू प्रेमिका को जब 35 टुकड़ो में काटता हैं तो उसे वीभत्स घटना के साथ-साथ लव जिहाद, एक्ट ऑफ टेरेरिज्म जैसे शब्द भी जोड़ दिए जातें हैं। बिना ये देखें की इस तरह की अमानवीय घटना को अंजाम देने वाले हिन्दू या मुसलिम नहीं बल्कि सिर्फ दरिंदे और जानवर की श्रेणी में ही आ सकतें हैं। 

 अमेरिका में जहाँ सेम सेक्स मैरिज पर बिल पारित हो रहें हैं वहीं हमारा भारत आज भी हिन्दू-मुस्लिम में ही अटका हुआ हैं। दुनिया सोच रही हैं कि लड़के-लड़के या लड़की-लड़की की शादी को मंजूरी दी जाय या नहीं हमारा भारत अभी तक यही सोच रहा हैं कि हिन्दू लड़की को मुस्लिम लड़के से शादी करने दी जाए या नहीं। जहाँ पूरी दुनिया में आवाजें उठ रहीं हैं कि Love is Love वहीं हम सोच रहें हैं अपने धर्म में अगर हो जाए तब ही प्यार हैं वरना बाकी लव जिहाद हैं। लेकिन आखिर ऐसा हो भी क्यों ना जहाँ एक ही जाति में शादी को शादी माना जाता हैं दूसरी जाति के लड़के से शादी करने पर परिवार की नाक कटी मानी जाती हैं वहाँ दूसरे धर्म में शादी करने पर ना जाने क्या-क्या कट जाता होगा शायद तब परिवार  की गर्दन और हाथ -पैर भी कटा मना जाता होगा।  

चलिए ये राजनैतिक पचड़े राजनेताओं के लिए ही छोड़ देते हैं। ये सब ज़हर उगलने वाले सांप राजनीति के गढ्ढों में अच्छे लगते हैं हमारे-आपके घरों में नहीं। हम तो आम इंसान हैं इंसानियत,प्रेम,दया ये हमारे धर्म हैं और हम इन्ही का अनुसरण करतें हैं। 

4 thoughts on “Love is Love,not Jihad.”

  1. Kindly read my blog "इस प्यार को हम क्या नाम दे?" which is published on 11th November.Mujhe lagta hai usme aapko aapke sawal ka jawab mil jayega.Lekin phir bhi koi dikkat ho to uska samadhan karne ki koshish ki jayegi.

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