कथा बिंदु” ओ हेनरी की रोचक कहानी

 अखबार के लिए जिन विशेष लेखों को मैं प्रस्तुत करता था उन्हें रेखांकित करते कुछ मामूली से चित्र मैं यदा-कदा बनाया करता था और व्यावहारिक रूप से, मैं कला विभाग में परिचित हो गया था। इस प्रकार मेरी क्ले के साथ जान-पहचान हुई। क्ले प्रोफ़ेशन से संबंधित कोई मशीनी कार्य करता था । वह लांगरी पहनता था और उसके हाथ रसायनों से रंगे रहते थे । वह ठिगना-सा था और उसके चेहरे पर भरी हुई घुंघराली, लाल दाढ़ी थी । पीना उसकी कमजोरी थी और निकाले जाने की तलवार सदैव उसके सिर पर लटकी रहती थी । 

एक दोपहर क्ले मेरी मेज पर आया और याचक की भांति खड़ा हो गया । ‘‘पुराने साथी,” वह बोला, उसे मुझे पुराना साथी कहने का कोई अधिकार न था, “मैं तंगी में हूं और मैंने सोचा कि तुम मेरी सहायता कर सकते हो ।” अख़बार के आदमी भाई होते हैं व्हिस्की और शनिवार रात्रि के लिफाफों द्वारा स्थापित अंतर के बावजूद । अतः मैंने धीरे से एक हाथ जेब में डाला, जहां एक पांच डालर का करारा नोट और पांच नए चांदी के डॉलर पड़े थे, जो एक घण्टा पूर्व व्यापारिक प्रबंधन को सलाम करने पर अगले सप्ताह के वेतन में से मुझे अग्रिम मिल गए थे। 

“नहीं श्रीमान,” इनकार में कांपता हुआ हाथ उठाते हुए क्ले बोला, “मैं उधार नहीं लेना चाहता ।” मैंने चैन की सांस को दबाने का प्रयास किया । 

“पर,” क्ले बोला, “मैं पांच डालर चाहता हूं।”                         मैंने अखबार में काम करने वाले आदमी के अनुभव से उसके दोनों कथनों को समझने का प्रयास किया, किन्तु सफलता नहीं मिली “मेरे पास तुम्हारे लिए एक बढ़िया कहानी है,” क्ले ने स्पष्ट किया “वह, कम से कम डेढ कॉलम में आएगी। साधारणतः मैं तुम्हें वैसे ही संकेत दे देता, बूढ़ा आदमी, किंतु मैं भारी मुसीबत में हूं। मैं किसी दिन यह पांच डॉलर लौटा दूंगा।”              “कहानी क्या है।” पांच डॉलर को मानसिक रूप से विदाई देते हुए मैं बोला,क्योंकि कालेज के अलावा भी मैंने पत्रकारिता का अध्ययन किया था।                                                        “ज़ोर है, ” क्ले ललचाते हुए बोला, “मुझे अभी एक घण्टा पहले ही इसके बारे में पता लगा है। रविवार के संस्करण में यह दमदार कहानी रहेगी। इसे ढंग से प्रस्तुत करना और इसे भावनाओं से सजा देना । यह धमाका कर देगी। अब सुनो, कस्बे में किसी व्यक्ति को ढूंढती हुई एक लड़की पहुंची। वह गांव से है। गोरी और गुलाबी, भोली मॉड मुलर वाली बहनों जैसी, जो शहर में आजकल ऐसे नहीं दिखायी देतीं जैसे अफ्रीका में बर्फ़ के गोले । मैं डिपो से कुछ दूर ब्लांको से मिला और उसने मुझे इस प्रकार अपनी कहानी सुनाई। जैसे मैं उसका चाचा हूं। वह तीन लाख की जनसंख्या वाले क़स्बे में एक व्यक्ति को ढूंढने आई है। इस मामले में किसी प्रकार के प्रेम का भी दख़ल है। उसका जार्ज से विवाह होने मैं वाला है और वह बिना किसी को बताए हैन की तलाश में कस्बे चली आई है -तुम समझ रहे हो ना? यह रविवारीय अंक के लिए बढ़िया सामग्री है । वह तुम्हें पूरी बात बता देगी और तुम इसे तैयार कर लेना । क्या आपको यह रविवार की सामग्री के लिए बढ़िया अवसर नहीं लगता, श्री विन्सलो?”  दूसरी बात, इससे पहले कि उसकी अनुपस्थिति के बारे में पता लगे और लोग बातें बनाएं, उसे वापिस भी भेजना है और इस शहर में भी वह मुसीबत में पड़ जाती । किन्तु मैंने एक लॉज में उसे पहुंचा दिए, जहां अब वह भोजन और आश्रय की राह देख रही है, क्योंकि न तो मेरे पास एक पाई थी और न ही उसके पास। तुम चलो और उसका इंटरव्यू लो, श्री विन्सलो। इससे लिखने को ढेर सा मिलेगा और तुम नहीं जानते कि पांच डालर मेरे कितने काम आएंगे ?” 

“अच्छा, क्ले,” मैं बोला, “तुम कला विभाग से संबंधित हो, अतः कुछ कल्पनाशील होगे। जब मैं गांव से शहर पहुंची किसी लड़की के बारे में साम्रगी दूंगा, तो बूढ़े मैकआईल के चेहरे पर कैसे भाव आएंगे। तुम अनुमान नहीं लगा सकते कि मुझे अवश्य ही नौकरी से निकाल दिया जायेगा ?” क्ले दुख में डूबा, उदास और दयनीय दिख रहा था। मैं अंततः मान गया। आखिर लड़की को किसी की सहायता की भारी आवश्यकता हो सकती थी, जो क्ले की सामर्थ्य से बाहर था । अतः मैंने अपने कागजों पर पेपरवेट रखा और उसके साथ चलने की घोषणा कर दी। कसकर बटन बंद किए हुए, गंदा कोट पहने यात्रा को तैयार था। बयान करने में ऐसी दयनीय आकृति बना ली कि मुझे गाड़ी करने में अतिरिक्त व्यय करना पड़ा। इसमें बैठकर हम क्ले द्वारा बताए गए शहर के उस हिस्से की ओर बढ़ लिए, एक सड़क, जिसमें लाल ईंटों से बने गंदे घर थे। इनमें से एक लॉज, जो बाहर से ही अतिथि के छद्म वेष में दिख रही थी, के सामने हम रुक गए । द्वार की घंटी के स्वर पर क्ले अपने घटिया बस्त्रों में कांप उठा। खतरनाक मकान मालकिनों के लम्बे अनुभव के कारण वह उनकी सीढ़ियों पर खड़े होने में भी घबरा जाता था। खटखटाए जाने का उत्तर मिलते ही उसने शीघ्रता से एक डॉलर मुझसे पहले ही ले लिया था और द्वार खोलने वाली एक विशाल औरत के हाथ में ठूंस दिया। इस राशि के लिए गांव की युवा स्त्री बतौर अमानत यहां थी। 

“लड़की,” औरत भारी स्वर में बोली, “द्वितीय तल के कक्ष में है।” वहां मैं और क्ले पहुंचे। एक बहुत सुंदर युवा स्त्री, लगभग उन्नीस वर्षीय, मेज़ के समीप बैठी थी। उसके हाव-भाव से हाल ही में पहुंचा दुख झलक रहा था। मेज़ पर ढंग से कुतरा हुआ मिठाई का एक टुकड़ा पड़ा था। क्ले द्वारा परिचय देने पर मैंने प्रशंसा और उत्सुकता से कुमारी रोज़ा रैडफ़ील्ड को सिर झुकाया । जब क्ले ने मुझे अपना मित्र कहा तो मैं हलकी सिहरन को दबा नहीं सका। जब सौंदर्य और पुराने वस्त्र एक साथ मिलते हैं, तो आदमी इस गहराई तक हलका हो जाता है।

कुमारी रैडफ़ील्ड की आंखों में अब भी आंसू थे। उसकी भीगी नीली आंखों ने क्ले को आशा और रुचि के साथ देखा । “तुम्हें वह मिला?”वह यौवन की सम्पूर्ण आशाओं के साथ बोली। उसकी ताज़गी और खिलेपन के बिलकुल उलट, क्ले मेज़ के निकट खड़ा था। उसका एक हाथ उसके बदरंग कोट के अंदर सीने पर था। मूछें गलमुच्छे लगभग उसकी आंखों को ढक रही थीं। मुझे खेद था कि क्ले ने अपने मित्र के रूप में मेरा परिचय कराया था। “नहीं, वह मुझे नहीं मिला, ” वह बोला, “किन्तु मैं श्री विंसलो को ले आया हूं, जो तुम्हें वही सलाह देंगे, जो मैंने दी है। युवा स्त्री ने आशान्वित होकर मेरी ओर देखा। 

“मुझे परिस्थितियां पता चल जातीं तो…” मैंने आरंभ किया। “ओह, प्रिय,” कुमारी रैडफील्ड चहक कर बोली, “यह उतनी बुरी बात नहीं है। कोई खास परिस्थिति नहीं है। मैं शहर मात्र यह देखने आई थी कि मैं हैन को ढूंढ सकती हूं” उसने भीगी मुस्कुराहट डाली, “मैं सोचती थी मैं, उसे खोज लूंगी । ऐसी कोई डायरेक्टरी नहीं, जिसमें आप लोगों को ढूंढ सकते हों ? मैं क्ले को एकाएक मिल गई और यह मुझे यहां ले आए। यह बहुत बड़ा शहर है, विन्सलो! मेरा आने का इरादा नहीं था। मैं दिन गुजारने के लिए एला पीस के साथ घुड़सवारी कर रही थीं ट्रेन आई और खड़ी हो गई। मैंने बूढ़े पॉम्पी को वृक्ष के साथ बांधा और गाड़ी में चढ़ गई। मेरे पास किराया देने को पर्याप्त धन ही था। मैं हैन के बारे में सोच रही थी और स्वयं को रोक न सकी ।” उसकी आंखों से आंसू टपक पड़े। उसका सिर उसकी बांह पर झुक गया और वह स्वतः उभरे दुख से हिल गई थी । एकाएक उसके चेहरे पर एक भीगी मुस्कान उभर आई। 

“यह जानकर कि मैं आई थी, जार्ज पागल नहीं हो जाएगा, किन्तु मुझे परवाह नहीं है। यदि हैन मुझे मिल जाए तो मैं वापस नहीं जाऊंगी । हैन ने चार वर्ष पूर्व ग्रीन वैली छोड़ी थी। मुझे उसकी प्रतीक्षा करनी थी और मैंने की भी। हम सदैव साथ रहते थे । एक वर्ष पूर्व तक वह मुझे प्रति सप्ताह लिखा करता था। उसे अवश्य कुछ हो गया है । वह भूलता नहीं। इस बात की गवाही रूप में कुमारी रोज़ा ने चांदी के कड़े से जुड़ी एक चूड़ी हिलाई, “यह हमारे वायदे की निशानी है। हमने एक सिक्के के दो टूकड़े किए और दोनों ने इसका आधा-आधा टुकड़ा रख लिया ।”    

कुमारी रैडफ़ील्ड, क्ले बोला, आदमी कैसा दिखता था, तुम बता सकती हो, हैन,मार्टिन मेरे ख्याल में तुमने यही नाम बताया था?” “हां, मैं बता सकती हूं। उसकी सर्वश्रेष्ठ भूरी आंखें थी और लहरदार बाल और प्यारी घुंघराली मूंछें ।” “क्या उसके,” क्ले ने पूछा, “ठोड़ी की बाई ओर आधा इंच लंबा चोट का निशान था ?” “हां, था। क्या यह मैंने पहले नहीं बताया? यह वहां था। जहां मैंने खेल-खेल में कैंची से काट दिया था। आह, तुमने उसे अवश्य देखा होगा, श्री क्ले। वह कहां है? उसने मुझे लिखा क्यों नहीं ?” “मुझे आपको बताते हुए दुख है, कुमारी रैडफ़ील्ड,” अपनी उलझी हुई दाढ़ी में घबराहट से उंगलियां फिराते हुए क्ले बोला, “हैन मार्टिन मर चुका है। वह एक वर्ष पूर्व मरा, मैं उसे बहुत अच्छी तरह जानता था । मैंने उसे अक्सर कहते सुना था कि जैसे ही धनवान बन जाएगा वह, ग्रीन वैली लौट आएगा। लगभग एक वर्ष पूर्व वह पीने लगा और उसके पास अधिक कुछ नहीं था । वह जानता था कि वह असफल हो गया था, मेरा अनुमान है कि इसीलिए उसने लिखना बंद कर दिया।” 

कुमारी रोजा पुनः दुख की प्रतिमूर्ति बन गई। उसने अपना सिरा झुकाया और कुतरी हुई मिठाई को दुख के बोझ में भिगो दिया। मैं बैठा सोच रहा था कि मैं न आया होता। कुमारी रोजा इतनी सुंदर न थीं और मैं कभी क्ले से न मिला होता, जो अब भी मेज़ के निकट उदास खड़ा अपने कोट के चीथड़ों को नोंच रहा था । हैन मार्टिन कभी ग्रीन वैली को नहीं भूला था। उसका हृदय सदैव वहीं था। किन्तु वह इतनी धीमी गति से बढ़ रहा था कि अंततः उसने आशा छोड़ दी, किन्तु वह कभी भूला नहीं और चांदी के सिक्के का जो आधा वह सदैव लिए फिरता था, उसके लिए उसने कहा था कि उसके साथ ही दफ़ना दिया जाए।” कुमारी रोज़ा की सिसकियों ने सारे बांध तोड़ दिए और मुझे क्ले पर थोड़ा क्रोध आया कि वह कथानक को अब भी पकड़े हुए था और अचानक इस विश्वास ने मुझे जकड़ लिया कि वह अभिनय कर रहा था। अचानक पांच डॉलर कमाने के लिए यह सस्ता नाटक दिखा रहा था। संभवतः वह यह झूठ बोल रहा था कि श्री मार्टिन को जानता था। मैंने इसे निम्न कोटि का और घृणास्पद समझा कि अपने लाभ के लिए वह गांव की नन्ही सुकुमारी का इस्तेमाल कर रहा था। मैंने कला विभाग के इस घटिया सदस्य से सारे संबंध समाप्त करने का निश्चय कर लिया।                                          “क्या मैं पूछ सकता हूं। क्ले बोला, “जिस सज्जन से तुम्हारी सगाई हो चुकी है, उसे तुम पसंद करती हो?” “जार्ज?” आसुओं के समुद्र से बाहर और सुंदर दिखती कुमारी रोज़ा बोली, “हां, मैं जार्ज को पसंद करती हूं, वह मेरे लिए बहुत ही अच्छा है, उसके पिता उसे खेत देने जा रहे हैं। मेरा अनुमान है कि मैं जॉर्ज को पसंद करती हूं, किन्तु आह, मैं तो है…हैन के बारे में सोचती हूं।” 

“सुनो, कुमारी रैडफील्ड”, क्ले अधिकार भरे स्वर में बोला, “हमें कुछ और बात करना चाहिए। तुम्हें जो करना है। वह यह है कि जितना शीघ्र हो घर वापिस लौट जाओ, इस यात्रा को भूल जाओ और जार्ज से विवाह कर लो | श्री विन्सलो, आप इसे ऐसा ही कहें ।” अंततः मेरा मौका आया । क्ले बैठ गया । कुमारी रैडफ़ील्ड मेरी ओर देखने लगी। मैं खखारा और बोला, “कुमारी रैडफ़ील्ड,” मैं बोला, “एक पुरानी कहावत है कि हम अपने प्रथम प्रेमी से शायद ही कभी विवाह कर पाते हैं। शायद यह अच्छा भी है। नौजवानी के हमारे प्रेम अधिकतर अपरिपक्व होते हैं। यह श्री मार्टिन तुम्हें प्रसन्न रख पाता, ऐसा प्रतीत नहीं होता। समय के साथ तुम उस भूल जाओगी। श्री क्ले तुम्हें सही सलाह दे रहे हैं। मैं उनकी बात का समर्थन करूंगा, तुम शीघ्र घर लौट जाओ। यदि तुम्हारा हृदय कहता है, तो जार्ज से विवाह कर लो। निःसंदेह वह एक योग्य युवक है, और खेत भी काम आएगा। जैसा मैंने कहा कि समय सारे दुखों को कम कर देगा और सारे पश्चातापों को नर्म बना देगा। श्री मार्टिन की स्मृति धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगी, जैसा कि इसे होना ही चाहिए।” 

अंतिम वाक्य को छोड़कर जो मुझे ग़लत ढंग से सुलझा हुआ लगा, मैंने सोचा मेरा छोटा-सा भाषण बिल्कुल स्पष्ट और सही था और कुमारी रोज़ा उससे शांत और संभली हुई दिखीं, किन्तु यह उदास क्ले पर भारी पड़ा । मैं उसे और अधिक नापसंद करने लगा। 

हम तीनों ने सलाह की और कुमारी रैडफील्ड को समझ में आ गया कि इस छोटी-सी यात्रा के बारे में पता लगने से पहले उसे ग्रीन वैली लौट जाना चाहिए। उसे यह भी धीरे से समझा दिया गया कि शहर की यात्रा के संबंध में जॉर्ज को अनजान रखना ही अच्छा होगा। 

आधे घण्टे में वह उस ट्रेन पर चढ़ सकती थी, जो उसे वापिस ग्रीन वैली पहुंचा देगी। उसे विश्वास था कि बूढ़ा पॉम्पी अब भी उसी पेड़ से बंधा होगा और वह कुमारी पीस के घर पहुंच जाए। इस प्रकार किसी में इतनी बुद्धि न होगी कि उसके दिन के कार्यक्रम से अलगाव के संबंध में कोई जान सके । इन बातों को पूर्ण करने के लिए तुरंत चल देना जरूरी था। कुमारी रोज़ा अब शांत हो गई थी और वह इतनी प्यारी और ताज़ादम दिख रही थी कि मैं रोमांच बढ़ाने के लिए यात्रा में उसे मिठाई और फूल देने वाला था, किन्तु क्ले ने कहा कि तय कार्यक्रम इसकी अनुमति नहीं देता था। 

हमने मकान छोड़ दिया, क्ले सीढ़ियों से धीरे-धीरे उतर रहा था। वह लॉज के शिष्टाचारों के प्रति सजग था, और स्टेशन मार्ग के लिए तेज़ी से बढ़ा । यह आवश्यक था कि मैं, निशाना बनता, क्योंकि मैं अच्छा शिकार था, मुझे किराया देना था। कुमारी रोजा धन साथ लाई नहीं थी। क्ले और सिक्के तो आपस में बिल्कुल अपरिचित थे। 

ग्रीन वैली तक के टिकट के लिए मैंने तीन डॉलर दिए और हमने महिला को गाड़ी में चढ़ा दिया। जब ट्रेन रेंगने लगी, वह खिड़की में झुक गई जबकि ने मैं और क्ले गाड़ी के साथ-साथ, प्लेटफॉर्म पर चलने लगे । वह हमें आभार के और सुखद विदाई के बोल बोल रही थी । बिना पक्षपात के वह हममें से प्रत्येक को विदाई दे रही थी और जब डब्बा दूर पहुंच गया, तो हमने उसका छोटा-सा रूमाल लहराते देखा । क्ले मेरी ओर मुड़ा। मैंने पांच डॉलर का नोट निकाला और उसे थमा दिया, क्योंकि मैं उसका ऋणी था। “क्या तुम इससे कहानी बना सकते हो, श्री विन्सलो,” वह थोड़ी कायरता से बोला, “एक या दो, किसी प्रकार…?” “बिल्कुल नहीं,” मैंने उत्तर दिया, “यह एक पैरा लायक़ भी नहीं है, किन्तु मैं सोचता हूं कि हमें संतुष्ट होना चाहिए। हम एक छोटी अच्छी लड़की की सहायता करने में समर्थ रहे।यह रहा तुम्हारा धन ।” 

“नहीं,” क्ले बोला, “तीन डॉलर टिकट के और मकान मालकिन को दिए एक डॉलर से मेरे चार हो जाते हैं। तुम मुझे बचा हुआ मेरा एक डॉलर दे सकते हो, इससे आज रात्रि की शराब आ जाएगी ।” मैंने चांदी का एक डॉलर उसके हाथ पर रख दिया । क्ले बहुत दयनीय और हताश लग रहा था। मैं जानता था कि शराब के गुलामों को अपने मालिक द्वारा कितनी खोजें और योजनाएं बनाने के लिए धकेला जाता है और मैं उसके प्रति थोड़ा नर्म हो गया । 

“गाड़ी में मेरे साथ वापिस चलोगे ?” मैंने प्रस्ताव रखा। “नहीं, मैं पैदल जाऊंगा । मुझे बहुत खेद है, श्री विन्सलो, आपको इस मामले में कोई सामग्री नहीं मिली । जानते हो, मुझे यह बड़ा सशक्त प्रसंग प्रतीत हुआ था।” “ओह, अच्छा,” मैं बोला, “इसके बारे में और मत सोचो | हमने छोटी लड़की की सहायता की और हम ख़र्चे की शिकायत नहीं करेंगे ।” 

क्ले ने अपना डॉलर सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए अपने गंदे कोट के बटन खोले। मुझे उसकी जेकेट पर एक सस्ती घडी की जंजीर की झलक दिखी। इससे चांदी के सिक्के का एक आधा टुकड़ा झूल रहा था ।                                                    “क्या!” इसे समझते ही मैं विस्मय से चिल्ला उठा।                      “हां,” धीमे स्वर में क्ले बोला, “यह सच है, मेरा नाम हेनरी क्ले मार्टिन है।”

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