कुमार विश्वास की कविता “साल मुबारक”कुमार विश्वास की कविता “साल मुबारक” 2023-01-13 by Awa बाँटने वाले उस ठरकी बूढ़े ने दिन लपेट कर भेज दिए हैं नए कैलेंडर की चादर में इनमें कुछ तो ऐसे होंगे उम्रजो हम दोनों के साझे हों । सब से पहले उन्हें छाँट कर गिन तो लूँ मैं ! तब बोलूँगा ‘साल मुबारक’ वरना अपना पहले जैसा हाल मुबारक