लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल लबों के ख़म, झुकी आँखों की बोलती तस्वीर नई नई किसी बच्चे के हाथ की तहरीर
लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल हसीं लिबास में मातम हयाते-फ़ानी का नज़र के सामने अंजाम हर कहानी का
लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल बहन की शोख़ हँसी माँ के प्यार का दर्पण छलकती यादों में भीगा हुआ अकेलापन
लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल हर एक ज़ह्न में नक़्शा बदलता रहता है एक है पर्दा बदलता रहता है ।
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