Psycho lover : Hindi love story part-6

 लक्ष्य शेसी के साथ बाजार गया हुआ था , वहीं से कुछ चीजें उसने उज्जवला के लिए भी ले ली थीं और वहीं से सीधा ओजू के घर की तरफ गाड़ी घूमा दी थी शेसी से ये कहते हुए कि आज तीनों बैठ कर वहीं मूवी देखेंगे। 

 लक्ष्य ने जैसे ही ओजू के घर में कदम रखा उसकी नजर तुरंत ही बिस्तर पर उलटी लेटी ओजू की तरफ चली गयी। वो समझ गया कि हो न हो कोई दिक्कत हो गयी है उसे। उसने सारा सामान वहीं चबूतरे पर ही फेंक दिया और बड़े-बड़े कदमों से ओजू के पास पहुँच गया ।

ओजू. …! क्या हुआ मेरे ओजू को..? उसने ओजू को सीधा करते हुये पूछा। उसके चेहरे के बिखरे बालों को कान के पीछे करने लगा। उसकी आँखें लाल हो चुकी थी फिर भी उनसे पानी लगातार झरता ही जा रहा था ।

आंटी जी को कोई दिक्कत हुई हैं क्या? या आदित्य ने कुछ कहा तुमसे…? 

आदित्य क्यों बोलेगा कुछ वो तो बेचारा आता भी नहीं ज्यादा , अपने मन से ही रो रहीं होंगी यें । पीछे शॉपिंग बैग पकड़कर खड़ी शेसी ने आदित्य का बचाव किया ।

शेसी प्लीज यार तुम चुप रहो, तुमसे मैं बाद में बात करूंगा अभी ओजू से…

मुझसे क्या बात करने की जरूरत है? शेसी तो है न उससे बात करो ! अभी बात करो बाद में बात करो जब मन करे तब बात करो किसी ने रोका थोड़े है,आखिर मेहमान हैं वो । ओजू का क्या हैं भागी थोड़ी जा रहीं हैं आज बात कर लेना कर बात कर लेना या शेसी से जब वक्त मिल जाएँ तब बात कर लेना। शेसी जरूरी है ओजू थोड़े…!  

अच्छा तो ये बात है। तुम इतनी छोटी सी बात के लिए रो रही हो! तुम्हें लगता हैं कि मैं तुम्हें इग्नोर कर रहा हूँ और शेसी को ज्यादा समय दे रहा हूँ है न ?उसने ओजू के आँसू पोंछे और उसे दुलार करतें हुए पूछा ।

लगता नहीं ऐसा ही है। तुम मुझसे ज्यादा उस पर ध्यान दे रहें हो,मुझसे ज्यादा उसके साथ टाइम स्पेंड कर रहें हो , उससे ज्यादा बातें करते हो जबकी उससे ज्यादा जरूरत मुझे तुम्हारी है वो तो दो चार दिन में चली जाएगी लेकिन मुझे यहीं रहना है तुम्हारे साथ……

ओह गॉड, लक्ष्य क्या तुम सच में ऐसी ड्रामेबाज किस्म की लड़की को अपना प्यार मानते हो ये हैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड जिसकी सोच इतनी घटिया है और जो खुद भी….

शट अप शेसी! तुम्हें हक़ क्या हैं इसके बारे में ऐसा बोलने का? किसी को ऐसे जज करती हो तुम..?अच्छा बताओ कोई तुम्हारे पार्टनर के साथ ज्यादा रहें तुम पर ध्यान न दे तो तुम क्या करोगी?

सिंपल, उसे उसके पास ही छोड़ दूंगी और अपने लिए कोई नया ढूंढ लूंगी।

हाँ तुम्हारे लिए कहना तो ये आसान होगा ही क्योंकि तुम अब तक यही तो करती आयी हो पार्टनर्स बदलने का काम। ओजू उन दोनों की बहस में खुद पड़ी।

हाँ बेवजह के नखरे, फालतू के ड्रामे से तो ये कहीं बेहतर है। जिस तरह की एक्टिंग तुम कर रही हो न ये एक्टिंग मेरे लिए उससे कहीं मुश्किल है। 

शेसी इससे पहले मुझे बहुत गुस्सा आ जाएँ तुम यहाँ से चली जाओ। लक्ष्य अपने गुस्से को दबाते हुए बोला।   

मैं तो वैसे भी आदित्य के पास जा ही रही थी लेकिन तुम्हारे कहने पर यहाँ आ गयी। मुझे क्या पता था कि देवी जी यहाँ काली का रूप लेकर विराजमान होंगी मुझपर बरसने के लिए। शेसी तुमने जितना बोलना था बोल लिया लेकिन अब एक शब्द भी कहा तो मैं भूल जाऊंगा कि तुम एक लड़की हो । ओके! इसने तुम्हारा भी दिमाग़ गर्म कर दिया है तो अब बात करने से कोई फायदा नहीं। कल मिलते है सुबह चाय पर तब तक इन देवी जी का ये गुस्सा भी शायद शांत हो जाये! बाय! शेसी कमर मटकाते हुए बाहर चली गयी और लक्ष्य ओजू को सीने से लगाकर समझाने लगा ।

अगली सुबह ओजू का फोन एक मिनट में दिल की स्पीड से भी ज्यादा बार बजा। उसने बाथरूम से फोन के बजने की आवाज सुनी थी सोचा कि नहा कर कॉल बैक करेगी लेकिन जब फोन बार-बार बजने लगा तो वो जल्दी-जल्दी टॉवल लपेटकर बाहर निकल आयी। 

फोन लक्ष्य का था और कुछ कॉल्स आदित्य की भी। 

हैलो लक्ष्य!क्या हुआ इतना क्यों कॉल…

पहले बताओ कहाँ हो तुम? उसकी आवाज़ घबराई थी। बाथरूम में थी नहा रही थी क्यों? 

इतनी सुबह ? तुम 7 बजे तक नहाती हो तो आज 5 बजे क्यों नहा रही हो?

ये कैसा सवाल है? मुझे रातभर सही से नींद नहीं आयी, उलझन हो रही थी तो जल्द ही नहा लिया शायद पूजा करने के बाद कुछ शांति मिल जाये इस उम्मीद से बस।

तुम रात को घर से बाहर निकली थी ?

तुम ये सब क्यों पूछ रहें हो ? क्या बात है कोई परेशानी हुई है क्या ? आदित्य भी फोन कर रहा है !

उसका फोन मत उठाना बिल्कुल भी नहीं, मैं बस तुम्हारे घर पहुंच आया हूँ तुम दरवाजा खोलो मैं सब समझाता हूँ ।            

 क्या हुआ तुम्हें इतना पसीना क्यों आ रहा है?इतनी सुबह तुम क्या करने आये हो?हो न हो कोई बहुत बड़ी बात हो गयी है न! लक्ष्य ने इस बात पर उसे बहुत हैरानी से देखा जैसे उसके भोलेपन पर शक कर रहा हो।

तुम बेवकूफ हो या हम लोगों को बेवकूफ समझ रही हो ? कहना क्या चाहते हो साफ बोलोगे! तब से पहेलियाँ बुझाये जा रहे हो , ये भी नहीं देखते की मैं बिना कपड़ो के चादर लपेटे खड़ी हूँ यहाँ ये जानने के लिए की बात क्या है और तुम पहेलियाँ बुझा रहें हो ! उतनी देर से बात करने के बावजूद लक्ष्य का ध्यान ओजू की हालत पर नहीं गया था । ओजू के टोकने पर उसे गलती का अहसास हुआ ।

जाओ कपड़े पहन लो जाकर फिर बात करते हैं ।

पहले बात बताओ क्या हुआ है ?

नहीं ओजू ऐसे ठीक नहीं कपड़े पहन आओ वरना आंटी जी जग गयी या कोई आ गया तो तुम्हें गलत समझ बैठेंगे। जाओ कपड़े बदल कर आओ मैं यहीं बैठा हूँ। उसने एक कुर्सी आंगन में खींच ली और उसपर आँख बंद लेट गया। ओजू ने जल्दी-जल्दी जो मिला वो पहना और वापस आ गयी ।

अब बताओ क्या बात है? उसने भी एक कुर्सी लक्ष्य के पास ही डाल ली ।

तुम ऐसे रिएक्ट कर रही हो कि तुम कुछ जानती ही नहीं, तुमने कुछ किया ही नहीं काश सच में ऐसा ही होता तो कितना अच्छा था।

मैं सच बोल रही हूँ लक्ष्य, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि तुम क्या बोल रहे हो?

तुम जानती हो कि मैं तुम्हें कितना प्यार करता हूँ. ..? अपनी जान भी दे सकता हूँ तुम्हारे लिए !

लक्ष्य साफ-साफ बोलो। अब उसे कुछ गुस्सा आने लगा था । अच्छा साफ-साफ. ..! तो ..लो। उसने एक घड़ी ओजू के आगे कर दी जो रुमाल में लिपटी हुई थी ।

ये तो मेरी घड़ी हैं कल शाम से मिल ही नहीं रही थी। ट्यूशन पढ़ा कर लौटी थी तो आदित्य आँगन में ही बैठा मिल गया था तो वहीं बैठ गई थी और घड़ी भी वहीं रख दी थी। लेकिन रात को जब बिस्तर लगा रही थी तो मिली ही नहीं ।

तुम्हारी इन बच्चों वाली कहानी पर पुलिस यकीन करेगी ? लक्ष्य की आँखें नम हो गयी ।

मतलब….?

शेसी का खून हो गया है और ये घड़ी वही मिली । इतना सुनते ही ओजू बिल्कुल शॉक्ड रह गयी । जब सब उसकी बॉडी को घेरकर खड़े थें तब मेरी नजर इसपर पड़ी मैं समझ गया हो न हो तुम आयी हो यहाँ इसीलिए इसे चुपचाप अपने पास रख लिया। ताकि अगर तुम्हारे हाथों कोई गलती हुई हो तो उसकी सजा तुम्हें न मिलकर मुझे मिले। क्योंकि कहीं न कहीं इसका रीज़न मैं ही हूँ न मैं शेसी से ज्यादा दोस्ती बढ़ाता न तुम जलन में ऐसा कोई कदम उठाती । देखो ओजू. ..उसने रोती हुई ओजू के दोनों हाथ अपने हाथों से दबाते हुए कहा ,” अगर तुमने ऐसा कुछ भी किया है तो मुझे अभी बता दो मैं पुलिस के सामने जुर्म अपने ऊपर ले लूँगा लेकिन तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा । मैं अब और बुरा होते नहीं देख पाऊंगा तुम्हारे साथ , सच कह रहा हूँ मर जाऊंगा जो तुम्हें कुछ हुआ तो… रोते-रोते उसने अपना सर ओजू की गोद में गिरा दिया । आदित्य….? ओजू के मुँह से ये सुनते ही वो चौक गया। मतलब…..? उसने अपनी आँखें ओजू के चेहरे पर गड़ा दी। आदित्य कैसे कर सकता है ये? क्या इतनी नफरत करने लगा वो मुझसे कि मुझे फ़साने के लिए….

नहीं उसने नहीं किया होगा क्योंकि उसे तो आज भी यही लगता है कि तुम उससे शादी करोगी इसीलिए…..

लगता था लक्ष्य… है नहीं, मैंने उसे कुछ दिन बाद ही हम दोनों के बारे में सबकुछ बता दिया था। ये बात उसने तुमसे बताने से मना की थी बोल रहा था कि देखेगा तुम्हारा करेक्टर कैसा है। मुझे नहीं पता था कि वो गलतफहमियाँ पैदा करना चाहता चाहेगा हम दोनों के बीच और तुम्हें मुझसे दूर करने की कोशिश करेगा ।

अच्छा तो ये बात है तभी शेसी की लाश मेरे बिल्डिंग की पार्किंग लॉट में मिली।

वहाँ पर…?

हाँ आदित्य ने ही उसे कहीं और मारकर या वहीं मारकर मेरी बिल्डिंग में डाली और उसके साथ तुम्हारी घड़ी भी। पूरे बिल्डिंग में वो सिर्फ मुझसे मिलने आती थी इसीलिए सभी उसे देखते ही पहचान गएँ कि ये तो मेरी दोस्त है । पुलिस भी मुझी से पूछताछ करेगी की उसकी लाश वहाँ कैसे पहुंची और मैं फंस जाऊंगा और फिर….

आदित्य दरवाजे को धक्का देकर अंदर दाखिल हो चुका था। उतनी देर से फोन न उठाने पर उसे फ़िक्र हो रही थी कि कहीं उसे भी कुछ हो न गया हो ।

Wait for next part. 🙏🏻

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