Psycho lover : Hindi love story part-3

 अभी तक लक्ष्य ने ओजू को दो बार ड्रेसेस दिलवाने की कोशिश की लेकिन वो मुझे “अच्छी नहीं लगी” कहकर आगे बढ़ गयी। इतनी देर में उसने सिर्फ दो कुर्ती और एक लेगिंग्स ही ली है वो भी अपने पैसे से। लक्ष्य समझ चुका था कि आज भी ओजू उसके पैसे से खरीदारी नहीं करना … Read more

Deep line love poetries of Babusha kohali

 1. यूँ होता है…  सबसे पहले तो क़िस्से में हीर आती है  और फिर हीर के हिस्से में पीर आती है  अगले सफ़हे  बादल, बारिश  जंगल, जुगनू  नदियाँ, कश्ती  क़ैस, रोमियो  ढोला, राँझा,  पीर, बावर्ची खर और भिश्ती  आधे-आधे दिल पे धँसते तीर आते हैं  बाद बहुत चच्चा ग़ालिब और मीर आते है । 2. … Read more

Psycho lover : Hindi love story part -2

 तुम दिवाकर की कोचिंग के लिए कुछ बोल रही थी ? लक्ष्य ने अच्छा मौका देख कर बात शुरु की । हाँ सोच तो रही थी पापा भी उसे क्रिकेट की कोचिंग दिलवाना चाहतें थें ,पैसे भी थें लेकिन सारे पैसे तो उनके इलाज में ही खर्च हो गएँ अब थोड़ा वक्त लगेगा तब तक … Read more

Psycho lover : Hindi love story

 ओजू आज बहुत एक्साइटेड थी। सुबह से तरह-तरह के ड्रेसेस डिफरेंट टाइप्स के मेकअप ट्राई कर चुकी थी । सूरत संवाली थी मगर जैसे ही माथे पर बिंदी लगाई उसका पूरा रंग रूप ही आया था। अपने बालों को थोड़ा छोटा करवा लिया था उसने लेकिन उसे ये लुक भी काफी अच्छा लग रहा था … Read more

जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘रूप की छाया’

 काशी के घाटों की सौध-श्रेणी जाह्नवी के पश्चिम तट पर धवल शैल माला-सी खड़ी है। उनके पीछे दिवाकर छुप चुके। सीढ़ियों पर विभिन्न वेशभूषा वाले भारत के प्रत्येक प्रांत के लोग टल रहे हैं। कीर्तन, कथा और कोलाहल से जाह्नवी-तट पर चहल-पहल है।  एक युवती भीड़ से अलग एकांत में ऊँची सीढ़ी पर बैठी हुई … Read more

Kumar vishwash love poetry(कुमार विश्वास लव पोएट्री)

 एक मैं हूँ यहाँ एक तू है ।  एक मैं हूँ यहाँ, एक तू है सिर्फ़ साँसों की ही गुफ़्तगू है ,          चाँद के साज़ पर रोशनी गीत गाते हुए आ रही है            तेरी ज़ुल्फ़ों से छन कर वो देखो चाँदनी नूर बरसा रही है ,,  … Read more

“उनको भी गम होगा”- निदा फाज़ली

 जिनकी पलकें भीग रही हैं उनको भी ग़म होगा  लेकिन जिस पर आब न ठहरे वो मोती कम होगा मेरे गीतों जैसी जैसी तेरे फूलों की तहरीरें  धरती तेरे अंदर भी शायद कोई ग़म होगा  भीग चुकी है रात तो सूरज के उगने तक जागो  जिस तकिये पर सर रक्खोगे वो तकिया नम होगा  बादल, … Read more

रेगिस्तानी कुत्ते’ नोबेल पुरुस्कार प्राप्त लेखिका डोरिस कारेवा की रचना

 रेगिस्तानी कुत्ते मेरे सपनों में भागते हैं,  फुर्तीले, चुस्त और ख़ामोश,  ख़ुदा की हवा की तरह; ख़ूबसूरत और राजसी,  रात-दर-रात अवश्य वे भागते हैं।  मैं सूँघती हूँ, स्वाभाविक है मैं सूँघती हूँ :  मेरा हृदय उनका आखेट है।  कैसे तृप्त होती कभी  अगर थकने तक नहीं भागती मैं;  रात-दर-रात नहीं भागती,  दौड़ नहीं लगाती मायावी, … Read more

Laal Diary ‘ A spooky horror story last part

 कबीर को देख कर सान्या और भी डर गयी , शायद अब उर्वी भी जिंदा ना बची हो ! लेकिन सान्या जिंदा रहना चाहती थी मौत उसके आँखों के सामने थी लेकिन फिर भी वो जीना चाहती थी। कबीर आगे बढ़ा तो सान्या उसे धक्का देकर भाग निकली,पीछे से कबीर भी उसका नाम लेकर दौड़ा … Read more

‘सूअर के छौने’ अनुपम सिंह

 बच्चे चुरा आए हैं अपना बस्ता  मन ही मन छुट्टी कर लिये हैं आज ,  नहीं जाएँगे स्कूल झूठ-मूठ का बस्ता खोजते   बच्चे मन ही मन नवजात बछड़े-सा कुलाँच रहे हैं  उनकी आँखों ने देख लिया है  आश्चर्य का नया लोक  बच्चे टकटकी लगाए  आँखों में भर रहे हैं  अबूझ सौन्दर्य  सूअरी ने जने हैं … Read more