“खगम” सत्यजित रे की हॉरर कहानी
कुछ मिनटों से मेरी ओर ओर अपलक ताक रहे हैं। मैं हैरत में आकर देखता हूँ, उनकी पलकें एक बार भी नहीं झपकती हैं। इस बीच उनकी जीभ कई बार होंठों की फाँक से बाहर निकल चुकी है। उसके बाद उन्होंने फुसफुसाकर कहा, ‘बाबा बुला रहे हैं- बालकिशन! बालकिशन! बाबा बुला रहे हैं…. बालकिशन … … Read more