“महाशून्य” एक स्त्री के जीवन की दुःखद कथा |

       “महाशून्य” एक स्त्री के जीवन की दुःखद कथा।  मिसेज सक्सेना के भव्य ड्राइंगरूम में प्रवेश करते ही लगा जैसे हम कश्मीर में आ गए हों। बाहर इतनी चिलचिलाती धूप थी कि गाड़ी एकदम भट्ठी की तरह तप रही थी। जब तक एसी अपना काम करता हम लोग पहुंच ही चुके थे। अपने … Read more

‘वापसी’ रिश्तों के अजनबीपन की कहानी।

                               वापसी रिश्तों के अजनबीपन की कहानी ‘वापसी’ उषा प्रियमवदा की, रिश्तों की असली हकीकत उधेड के रख देने वाली कहानी है। एक ऐसी कहानी जो आज के समाज में लगभग हर बुजुर्ग के साथ घटित होती है। रेलवे से रिटायर्ड … Read more

“प्रेरणा” प्रेमचंद की कहानी

 प्रेरणा प्रेमचंद की कहानी    मेरी कक्षा में सूर्यप्रकाश से ज्यादा ऊधमी कोई लड़का न था, बल्कि यो कहो कि अध्यापन-काल के दस वर्षों में मेरा ऐसी विषम प्रकृति के शिष्य से सामना न पड़ा था। कपट-क्रीड़ा में उसकी जान बसती थी । अध्यापकों को बनाने और चिढ़ाने, परिश्रमी बालकों को छेड़ने और रुलाने में … Read more

जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘रूप की छाया’

 काशी के घाटों की सौध-श्रेणी जाह्नवी के पश्चिम तट पर धवल शैल माला-सी खड़ी है। उनके पीछे दिवाकर छुप चुके। सीढ़ियों पर विभिन्न वेशभूषा वाले भारत के प्रत्येक प्रांत के लोग टल रहे हैं। कीर्तन, कथा और कोलाहल से जाह्नवी-तट पर चहल-पहल है।  एक युवती भीड़ से अलग एकांत में ऊँची सीढ़ी पर बैठी हुई … Read more

“एक रात’’ रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी

मैं बाल्यावस्था से ही सुरबाला के साथ पाठशाला जाया करता था तथा उसके साथ आंख-मिचौनी भी खेला करता था । मैं अक्सर उसके घर भी जाया करता था । उसकी मां मुझे बहुत स्नेह करती थीं। किसी-किसी दिन वे हम दोनों को एक साथ खड़ा करके निरख-निरख कर देखा करतीं और आपसी बातचीत में कहतीं … Read more