चाँद का रूप
नील गगन में तैर रहा है, उजला-उजला पूरा चाँद किन आँखों से देखा जाये, चंचल चेहरे जैसा चाँद मुन्नी की भोली बातों-सी, चटकीं तारों की कलियाँ पप्पू की ख़ामोश शरारत-सा छुप-छुप कर उभरा चाँद मुझसे पूछो कैसे काटी मैंने परबत जैसी रात तुमने तो गोदी में लेकर घंटों चूमा होगा चाँद परदेसी सूनी आँखों … Read more