We are proud of you Junior Womens cricket team.

 लड़कियां घर की चार दीवारी में ही अच्छी लगती है ऐसी सोच रखने वालों को 15 लड़कियों ने दुनिया जीत कर बता दिया कि घर की चार दीवारी से बाहर भी एक दुनिया है जो उनके स्वागत के लिए हथेली फैलाये बैठी हैं बस उनके घरवाले उन लड़कियों के पैरों में बेड़िया न पहनाए ।  … Read more

निदा फाजली की गजल ‘गुलाब का फूल’

 लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल                  लबों के ख़म, झुकी आँखों की बोलती तस्वीर                      नई नई किसी बच्चे के हाथ की तहरीर  लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल            … Read more

‘Laal Diary ‘ A spooky horror story

 सान्या नींद से जगकर बिस्तर पर बैठे-बैठे आँखे मल रही थी बार-बार फोन की रिंग बजने की वजह से उठ तो गई थी लेकिन ऐसा लग रहा था कि वो नींद में ही हो। आज रात में देर से सोने की वजह से उसका सर अभी भी भारी लग रहा था उसपर से बार-बार विक्रांत … Read more

“वैष्णवी ” यशपाल की रचना

 बस्ती-मुहल्ले में अब भी जब-तब द्रौपदी की चर्चा हो जाती है। जब वह मुहल्ले से गई, कई दिन उसका नाम लोगों की जबान पर रहा। गरीब भोले पुरोहित के घर जन्म लेते समय उसने किसी का ध्यान आकर्षित नहीं किया था। लड़की थी, लड़की के जन्म के समय कोई समारोह या प्रसन्नता का प्रदर्शन नहीं … Read more

“खगम” सत्यजित रे की हॉरर कहानी

 कुछ मिनटों से मेरी ओर ओर अपलक ताक रहे हैं। मैं हैरत में आकर देखता हूँ, उनकी पलकें एक बार भी नहीं झपकती हैं। इस बीच उनकी जीभ कई बार होंठों की फाँक से बाहर निकल चुकी है। उसके बाद उन्होंने फुसफुसाकर कहा, ‘बाबा बुला रहे हैं- बालकिशन! बालकिशन! बाबा बुला रहे हैं…. बालकिशन … … Read more

“खगम” सत्यजीत रे की हाॅरर कहानी

 हम पेट्रोमैक्स की रोशनी में बैठकर डिनर ले रहे थे । कुल मिलाकर अभी अण्डे को दाँत से काटा ही होगा कि चौकीदार लछमन सिंह ने आकर पूछा, ‘आप लोग इमली बाबा के दर्शन नहीं करेंगे?”                                        … Read more

हिंदी के सभी रस सरल उदाहरण सहित

 रस की परिभाषा – रस शाब्दिक अर्थ है – आनंद । काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं । संस्कृत में कहा गया है कि “रसात्मकम् वाक्यम् काव्यम्” अर्थात् रसयुक्त वाक्य ही काव्य है ।                       … Read more

जयशंकर प्रसाद की कहानी ‘छोटा जादूगर’

 कार्निवल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी। हँसी और विनोद का कलनाद मैं गूँज रहा था। खड़ा था। उस छोटे फुहारे के पास एक लड़का चुपचाप शराब पीनेवालों को देख रहा था। उसके गले में फटे कुर्ते के ऊपर से एक मोटी-सी सत की रस्सी पड़ी थी और जेब में कुछ ताश के पत्ते … Read more

कुमार विश्वास की कविता “साल मुबारक”कुमार विश्वास की कविता “साल मुबारक”

  बाँटने वाले उस ठरकी बूढ़े ने                                     दिन लपेट कर भेज दिए हैं                                              नए कैलेंडर की चादर … Read more

रविन्द्रनाथ टैगोर की कहानी “पोस्टमास्टर “

 अपनी नौकरी के शुरुआती दौर में ही पोस्टमास्टर को उलापुर गांव आना पड़ा था । जो अन्य भारतीय गांवों की भांति ही था । एक नील-कोठी नजदीक ही थी । जिसके मालिक ने बड़ी कोशिश-सिफारिशें करके, यह नया पोस्ट ऑफिस खुलवाया था। गांव के पोस्टमास्टर कलकत्ता के रहने वाले थे । जल से निकलकर सूखे … Read more