कुमार विश्वास की कविता “साल मुबारक”कुमार विश्वास की कविता “साल मुबारक”

  बाँटने वाले उस ठरकी बूढ़े ने                                     दिन लपेट कर भेज दिए हैं                                              नए कैलेंडर की चादर … Read more

रविन्द्रनाथ टैगोर की कहानी “पोस्टमास्टर “

 अपनी नौकरी के शुरुआती दौर में ही पोस्टमास्टर को उलापुर गांव आना पड़ा था । जो अन्य भारतीय गांवों की भांति ही था । एक नील-कोठी नजदीक ही थी । जिसके मालिक ने बड़ी कोशिश-सिफारिशें करके, यह नया पोस्ट ऑफिस खुलवाया था। गांव के पोस्टमास्टर कलकत्ता के रहने वाले थे । जल से निकलकर सूखे … Read more

कथा बिंदु” ओ हेनरी की रोचक कहानी

 अखबार के लिए जिन विशेष लेखों को मैं प्रस्तुत करता था उन्हें रेखांकित करते कुछ मामूली से चित्र मैं यदा-कदा बनाया करता था और व्यावहारिक रूप से, मैं कला विभाग में परिचित हो गया था। इस प्रकार मेरी क्ले के साथ जान-पहचान हुई। क्ले प्रोफ़ेशन से संबंधित कोई मशीनी कार्य करता था । वह लांगरी … Read more

हिमालय के पथिक”जयशंकर प्रसाद की रचना

 ‘गिरी-पथ में हिम वर्षा हो रही है, इस समय तुम कैसे यहाँ पहुंचे? किस प्रबल आकर्षण से तुम खिंच आये?’ खिड़की खोलकर एक व्यक्ति ने पूछा। अमल-धवल चन्द्रिका तुषार से घनीभूत हो रही थी। जहाँ तक दृष्टि जाती है, गगनचुम्बी, शैल-शिखर, जिन पर बर्फ का मोटा लिहाफ पड़ा था। ठिठुरकर सो रहे थे। ऐसे ही … Read more

मोची और शैतान- चेखव।

 क्रिसमस का दिन था, सांझ ढल चुकी थी । मारिया भट्ठी पर बहुत देर से खर्राटे भर रही थी। लैम्प का सारा कैरोसिन जल चुका था, पर फ्योदर नीलोव अभी तक बैठा काम कर रहा था। उसका बहुत मन कर रहा था कि काम बन्द कर दे और बाहर जाये, पर दो हफ़्ते पहले कलाकोलनी … Read more

निदा फाजली की गजल “खुदा”

 देखा गया हूँ मैं कभी सोचा गया मैं।                                  अपनी नज़र में आप तमाशा रहा हूँ मैं                              मुझसे मुझे निकाल के पत्थर बना दिया      … Read more

साल 2022 से क्या हमने क्या सीखा?

 नए साल को अब कुछ ही टाइम बचा है लोगों की घड़ी ने काउन्टडाउन करना शुरू कर दिया है,डायरियों ने अपने भीतर नए-नए वादें रखनें शुरू कर दिए हैं,पार्टी की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रहीं हैं। सभी नए साल के स्वागत में पलकें बिछाएं बैठें हैं। लेकिन इन सब के बीच हमें ये भी तो … Read more

जयशंकर प्रसाद की प्रसिद्ध कहानी दुखिया

 पहाड़ी देहात, जंगल के किनारे के गाँव और बरसात का समय! वह भी उषाकाल! बड़ा ही मनोरम दृश्य था। रात की वर्षा से आम के वृक्ष सराबोर थे। अभी पत्तों से पानी ढुलक रहा था। प्रभात के स्पष्ट होने पर भी धुंधले प्रकाश में सड़क के किनारे आम्रवृक्ष के नीचे बालिका कुछ देख रही थी। … Read more

बड़े कमज़ोर होते हैं मजबूत दिखने वाले ये लोग।

 24 दिसम्बर को जब सभी नई उम्मीद, नई आशा के साथ जीवन में कुछ नया मिलने की आहट से खुश होकर सेंटा का इंतजार कर रहें होतें हैं, ठीक उसी दिन टीवी इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री तुनिशा शर्मा ने अपनी सारी उम्मीदें खोते हुए अपने मेकअप रूम में सुसाइड कर लिया वो भी तब जब … Read more