ओजू ने खुद को बहुत मजबूत करके , आदित्य की दोस्ती को दांव पर लगाकर और उसकी और अपनी फैमिली की परवाह किये बिना उसने आज आदित्य को सब कुछ बताने के लिए गाँव के बाहर वाले पुराने मंदिर के पास मिलने को बुला लिया था। आदित्य रास्ते भर यहीं सोच-सोच कर खुश होता रहा कि जैसे वो दोनों पहले सबसे छुप कर वहाँ मिला करतें थें आज भी वैसे ही मिलेंगे । लेकिन जब वो वहां पहुँचा और ओजू की बातें सुनी तो एकदम शून्य में चला गया, उसे अपनी बसाई दुनिया बर्बाद होती दिखाई दी । वो घरौंदे टूटते दिखाई दिये जिसे उसने ओजू को रखने के लिए दिल में बनाएं थें। उसकी आँखों के सामने धूल सी उड़ने लगी थी। फिर भी वो जितनी देर हो सका चुपचाप लक्ष्य के बारे में सुनने की कोशिश करता रहा।
अच्छा तो तुम ये कहना चाहती हो कि तुम मुझे प्यार नहीं करती अब? इतनी दूर से मैं ये सुनने आया हूँ कि मैं अब तुम्हारा कोई नहीं रहा , तुमसे दूर रहूं और वो पता नहीं कहाँ का आया लड़का वो तुम्हें पसंद है क्यों? आदित्य की आवाज उखड़ चुकी थी उतनी देर से लक्ष्य के बारे में सुन-सुन के ।
मैंने ये नहीं कहा कि तुम मेरे कुछ नहीं हो , हो तुम आज भी पहले की तरह मेरे दोस्त ही ….
भाड़ में जाये ये दोस्ती यारी मैं पहले भी तुम्हारा बॉयफ्रेंड था और आज भी हूँ समझी तुम! उसने दीवार पर अपना हाथ पटकते हुए कहा। ओजू थोड़ा सहम गयी लेकिन चुप नहीं हुई । बॉयफ्रेंड….! हू…क्या किया हैं तुमने मेरे लिए ऐसा जो खुद को मेरा बॉयफ्रेंड बोल रहें हो। अरे खुशियों में तो पूरी दुनिया साथ होती है लेकिन तन्हाई में अपने काम आतें हैं पर तुमने मुझे उस तन्हाई में अकेला छोड़ दिया और बोलते हो कि मेरे….. वो बात मत छेड़ो यार , तुम्हें बता चुका हूँ कि कितनी बड़ी मुसीबत में फंस चुका था मैं। नहीं आ पाया तुम्हारे लिए हो गयी मुझसे गलती माफ़ी मांगता हूँ । लेकिन तुम तो कोई गलती मत करो एक मौका दो हमारे रिश्ते को । मैं वादा करता हूँ कि मैं तुम्हारा साथ अब मरते दम तक नहीं छोडूंगा। आदित्य ओजू के करीब आना चाहता था लेकिन उसने उसके सीने पर हाथ रख के उसे दूर कर दिया । ,” मैंने माफ़ कर दिया तुम्हें इसीलिए तुम्हें दोस्त बोल रही हूँ लेकिन जो तुम सोचो कि मैं लक्ष्य को छोड़कर तुम्हारे पास वापस आ जाउंगी कभी नहीं । मैं अब लक्ष्य से दूर नहीं रह सकती ….
और अगर लक्ष्य न रहें तो…! उसने ओजू की बात बीच में ही काट दी ।
तो मैं मर जाउंगी लेकिन तुम्हारी कभी नहीं होऊंगी। ओजू की आँखों में गुस्से के साथ-साथ आँसू भी टपकने लगे । ओके…ओके… मैं महसूस कर सकता हूँ तुम्हें , तुम्हारे हर फैसले का सम्मान करना मेरा फर्ज़ हैं। मुझसे प्यार नहीं करती मत करो,उसके साथ रहना है रहो लेकिन तुमने मुझे अपना दोस्त माना है तो एक सलाह है कि मुझे वो कुछ ठीक नहीं लगता उससे सावधान रहना ।
खुद को मेरा दोस्त बोलते हो उसपर से ऐसी बातें ? मैं तुम्हारे साथ उस समय खड़ा नहीं हो पाया जब तुम मुसीबत में थीं लेकिन इस बार मैं तुम्हारे लिए मुसीबत के आगे खड़ा हो जाऊंगा।
आदित्य लक्ष्य मेरी मुसीबत नहीं है उसके आगे तुम्हें खड़ा होने की कोई जरूरत नहीं । वो खुद मेरे लिए दुनिया भर की मुसीबत से लड़ सकता है और तुमसे भी। इसीलिए अगर तुम मेरे दोस्त बनकर रहना चाहते हो तो प्लीज उसके बारे में कुछ भी उल्टा-सीधा नहीं बोलोगे वरना दोस्ती तो दूर मैं तुम्हें अपनी दुश्मनी के काबिल भी न समझूंगी ।
ठीक हैं जैसा तुम कहोगी मैं वैसा ही करूंगा लेकिन मैं लक्ष्य को नहीं जानता जब तक मैं उसे अच्छे से जान न लूँ मेरा उसपर शक करने का हक़ बनता है ऑफ्टराल मैं बचपन का दोस्त हूँ तुम्हारा और ये हक़ तो मुझसे कोई भी नहीं छीन सकता खुद तुम भी नहीं। मुझे बस एक बार उस पर भरोसा हो जाएँ मैं फिर कभी तुम्हारी जिंदगी में दखल भी नहीं दूँगा, दूर चला जाऊंगा तुमसे ये वादा रहा मेरा तुमसे ।
ठीक है फिर मैं कल लक्ष्य को तुमसे मिलवाती हूँ अकेले में….. न..ना ऐसे नहीं पहली बार मिलने में सब ही अच्छे पेश आतें हैं मैं ये एक मुलाक़ात में डिसाइड नहीं कर सकता। इसके लिए मुझे कई बार मिलना होगा । प्लीज उसे बिल्कुल मत कहना की तुमने मुझे उसके बारे में सब बता दिया है ।
एक बार तुम कई बार मिलो लेकिन ये क्या कि मैं उसे बताऊँ नहीं कि तुम्हें सब पता है ? वो मुझसे पूछेगा तो झूठ बोलूंगी मैं उसे ? जानते हो आज तक उसने मुझसे कभी झूठ नही बोला और मैं भी उससे झूठ नहीं बोल सकती। ओजू ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की।
मैं मानता हूँ कि लक्ष्य ही सब कुछ तुम्हारा हो चुका है लेकिन उज्जवला …कभी तो मैं भी तुम्हारा रहा था ! कभी तो तुम मुझसे भी प्यार करती थी मेरी भी दोस्त थी। क्या मेरी एक गलती की वजह से वो सबकुछ मिट गया तुम तुम्हारे लिए मैं ऊँगली के एक छोटे से भाग के बराबर न रहा …! आदित्य की आवाज से ऐसा लगा कि वो बस रोने ही वाला है ।
देखो तुम ऐसा मत बोलो मैंने कहा न कि मेरे दोस्त तुम आज भी हो। ओजू ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ।तो क्या दोस्त की छोटीसी बात नहीं मान सकती तुम बस इतनी सी ही !
ओके मैं कुछ नहीं बताऊँगी उसे, तुम्हें जितना जानना-समझना हो उसे समझ लो । उसकी आवाज़ में भरोसे के पुट के साथ गर्व का अहसास भी था। उसे पूरा भरोसा था अपने लक्ष्य पर, कि आदित्य उसे चाहे जिस पैमाने पर तौले वो खरा उतरेगा। अगर इसमें आदित्य की कोई साजिश भी हुई तब भी लक्ष्य उसे कामयाब नहीं होने देगा ।
शेसी , जिसका असल नाम साक्षी था और जो आदित्य की दोस्त थी। वो आदित्य के साथ इंडिया आयी थी कुछ दिन के लिए ताकि वो देख सके उसने जैसा सुन रखा है इंडिया वैसा है या किताबों, फिल्मों से अलग भी एक इंडिया बसता हैं । उसे देख कर ओजू को बहुत चिढ होती थी क्योंकि दोस्त तो वो आदित्य की थी मगर चिपकी वो लक्ष्य से ही रहती थीं। अधिकतर वक्त तो ओजू का ट्यूशन पढ़ाने, माँ का ध्यान रखने और घर का काम करने में ही निकल जातें थें। जबसे देवू क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिये गया तब से उसके पास थोड़ा भी समय नहीं बचता और अगर समय किसी तरह निकाल भी लेती और लक्ष्य से मिल भी लेती तो खुलकर बात नहीं हो पाती क्योंकि शेसी जो उसके साथ होती थी। घर से मार्केट तक भी जाना होता तो शेसी लक्ष्य को ही याद करती। आदित्य से तो जैसे उसका कोई मतलब ही नहीं था इसीलिए आदित्य शेसी के बजाय ओजू के साथ रहने की ज्यादा से ज्यादा कोशिश करता ।
लक्ष्य ने जब देखा कि ओजू को शेसी से जेलसी फील होती हैं तो उसे और ज्यादा मजा आने लगा ओजू को जलाने में।
उसे लगता था कि ओजू भी नॉर्मल लड़कियों की तरफ जल रही है लेकिन उसकी जेलसी कुछ ज्यादा थी क्योंकि लक्ष्य उसके दोस्त उसके प्रेमी होने के अलावा भी बहुत कुछ था उसके लिए। उसने शेसी को जब से बोल दिया कि वो उसकी गर्लफ्रेंड है तब से वो और ज्यादा क्लोज रहने लगी लक्ष्य के । जब ये सब ओजू के सहन से बाहर हो गया तो एक दिन वो आदित्य से ही लड़ पड़ी। अपनी दोस्त को समझाते क्यों नहीं! जरा भी सेंस नाम की चीज नहीं है उसमें । जब जानती है कि मेरा और लक्ष्य का रिलेशन क्या है फिर क्यों चिपकती रहती है उससे। उससे बोलो ऐसा ना किया करें वरना कुछ बुरा हो जायेगा उसके साथ ? ओजू की आवाज में गुस्सा कम आग ज्यादा बरस रही थी। कितनी पागल हो तुम ओजू! तुम्हें समझ नहीं आता कि वो सिर्फ तुम्हें जला रही है,फ़्लर्ट कर रही है तुम्हारे लक्ष्य के साथ। अगर कुछ करने का इरादा भी होगा उसका तो बिलीव मी वन नाईट स्टैंड से ज्यादा नहीं होगा, अमेरिका के लड़कों के साथ…..! वन नाईट स्टैंड….! उसकी बात सुनकर ओजू हैरान रह गई। तुम लोगों के लिए कितनी आसान बात है न ! लेकिन इंडिया में ऐसा नहीं होता हैं मिस्टर आदित्य और मेरा लक्ष्य बिल्कुल भी ऐसा नहीं हैं । तुमनें और तुम्हारी उस दोस्त ने अमेरिका में चाहे कितने ही वन नाईट स्टैण्ड किये…..
शट…. अप ओजू , तुमने मेरा नाम इसमें घसीटने की हिम्मत कैसे की ? मैंने ये शब्द इस्तेमाल किया इसका मतलब ये नहीं की मैंने भी ये किया है और रही शेसी की बात तो भले ही दो चार बार उसने ऐसा किया है लेकिन तुमको ये अधिकार नहीं मिल जाता कि तुम उसके लिए इस अंदाज़ से बात करो। मैं नहीं कहता कि मुझे ऐसे मौके नहीं मिले हैं या मैं कोई महापुरुष हूँ , मैं भी ये करता बशर्ते जो बात मुझे इंडिया आने पे पता चली वो पहले पता होती। मैं तो यही सोचता रहा वहाँ की मैं अगर किसी के साथ ऐसा करूंगा तो मेरी ओजू के साथ धोखा होगा, साला पता होता जिसे मैं मेरी कह रहा हूँ वो कब की किसी और की हो चुकी तो ……। आदित्य की आवाज में खीझ उभर आयी थी । मैं यहाँ पिछली बातें सुनने के लिए नहीं बैठी हूँ कौन किसकी किस्मत में आएगा ये पहले से ही तय होता है। इसीलिए उस शेसी से बता देना कि वो चाहे जितनी भी कोशिश कर ले लक्ष्य मेरा ही रहेगा।
ऑफ्कोर्स वो तुम्हारा ही रहेगा, तुम्हें उसपर भरोसा तो रखना ही चाहिए। शेसी को मैं समझा दूँगा कि इंडिया में उसके सिवा भी लड़के है कोई ऐकलौता वही नहीं पैदा हुआ हैं सुंदरता की खान लेकर। कहकर वेद चारपाई से उठ गया ,” चलता हूँ ध्यान रखना अपना , अबसे शेसी की तरफ से कोई शिकायत नहीं सुनने को मिलेगी तुम्हें। चाहे जैसे भी मनाऊं, समझाऊं लेकिन तुम्हारे लक्ष्य के आसपास नहीं जाने दूँगा । आदित्य उसी तैश में घर के बाहर निकल गया और ओजू उसे दरवाजे तक छोड़ने भी नहीं गई। शायद बहुत उलझन होने लगी थी उसे और आँखों से आंसू धार बनाकर झरने लगे थें।वो औंधे मुँह चारपाई पर ही पड़ रही ।
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