दूसरा आदमी- मानव कौल
मैं खाना बनाने की तैयारी करने लगा। पीछे से माँ ज़िद करने लगीं ‘नहीं, खाना मैं बनाऊँगी’। इस युद्ध में जीत माँ की ही होनी थी पर मैं ज़िद करके टमाटर, प्याज़, हरी मिर्च काटने लगा। “आप इतनी दूर से सफ़र करके आई हो । खाना आप ही बनाना, मैं बस तैयारी कर देता हूँ।’ … Read more