Deep line love poetries of Babusha kohali
1. यूँ होता है… सबसे पहले तो क़िस्से में हीर आती है और फिर हीर के हिस्से में पीर आती है अगले सफ़हे बादल, बारिश जंगल, जुगनू नदियाँ, कश्ती क़ैस, रोमियो ढोला, राँझा, पीर, बावर्ची खर और भिश्ती आधे-आधे दिल पे धँसते तीर आते हैं बाद बहुत चच्चा ग़ालिब और मीर आते है । 2. … Read more